मई 2025 के हिन्दू पंचांग में कई महत्वपूर्ण पर्व और व्रत आने वाले हैं। यह महीना आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। आइए जानते हैं कि मई 2025 में कौन-सा पर्व या व्रत किस दिन है। हिन्दू धर्म में पंचांग का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह ना केवल तिथियों और नक्षत्रों की जानकारी देता है, बल्कि हर माह आने वाले व्रत-त्यौहारों का भी मार्गदर्शन करता है।
मई 2025 का महीना आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस माह में कई प्रमुख हिन्दू पर्व और व्रत आते हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक होता है। इस लेख में हम जानेंगे मई 2025 में आने वाले सभी हिन्दू त्यौहारों और व्रतों की तारीखें तथा इस महीने का विशेष महत्व।
मई 2025 में हिन्दू त्यौहार और व्रतों की सूची
मई 1, 2025 | विनायक चतुर्थी | बृहस्पतिवार वैशाख, शुक्ल चतुर्थी |
मई 2, 2025 | शंकराचार्य जयन्ती | शुक्रवार वैशाख, शुक्ल पञ्चमी |
मई 2, 2025 | सूरदास जयन्ती | शुक्रवार वैशाख, शुक्ल पञ्चमी |
मई 2, 2025 | रामानुज जयन्ती | शुक्रवार वैशाख, शुक्ल पञ्चमी |
मई 2, 2025 | स्कन्द षष्ठी | शुक्रवार वैशाख, शुक्ल षष्ठी |
मई 3, 2025 | गंगा सप्तमी | शनिवार वैशाख, शुक्ल सप्तमी |
मई 4, 2025 | भानु सप्तमी | रविवार वैशाख, शुक्ल सप्तमी |
मई 5, 2025 | सीता नवमी | सोमवार वैशाख, शुक्ल नवमी |
मई 5, 2025 | बगलामुखी जयन्ती | सोमवार वैशाख, शुक्ल अष्टमी |
मई 5, 2025 | मासिक दुर्गाष्टमी | सोमवार वैशाख, शुक्ल अष्टमी |
मई 7, 2025 | त्रिशूर पूरम | बुधवार मलयालम कैलेण्डर पर आधारित |
मई 8, 2025 | मोहिनी एकादशी | बृहस्पतिवार वैशाख, शुक्ल एकादशी |
मई 8, 2025 | परशुराम द्वादशी | बृहस्पतिवार वैशाख, शुक्ल द्वादशी |
मई 9, 2025 | प्रदोष व्रत | शुक्रवार वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी |
मई 11, 2025 | नृसिंह जयन्ती | रविवार वैशाख, शुक्ल चतुर्दशी |
मई 11, 2025 | छिन्नमस्ता जयन्ती | रविवार वैशाख, शुक्ल चतुर्दशी |
मई 11, 2025 | मातृ दिवस | रविवार मई का द्वितीय रविवार |
मई 12, 2025 | कूर्म जयन्ती | सोमवार वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा |
मई 12, 2025 | बुद्ध पूर्णिमा | सोमवार वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा |
मई 12, 2025 | चित्रा पूर्णनामी | सोमवार सौर कैलेण्डर पर आधारित |
मई 12, 2025 | वैशाख पूर्णिमा व्रत | सोमवार वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा |
मई 12, 2025 | अन्वाधान | सोमवार वैशाख, शुक्ल चतुर्दशी |
मई 13, 2025 | नारद जयन्ती | मंगलवार ज्येष्ठ, कृष्ण प्रतिपदा |
मई 13, 2025 | इष्टि | मंगलवार वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा |
मई 15, 2025 | वृषभ संक्रान्ति | बृहस्पतिवार सूर्य का मेष से वृषभ राशि में प्रवेश |
मई 16, 2025 | एकदन्त संकष्टी चतुर्थी | शुक्रवार ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्थी |
मई 20, 2025 | कालाष्टमी | मंगलवार ज्येष्ठ, कृष्ण अष्टमी |
मई 20, 2025 | मई २०, २०२५ | मंगलवार ज्येष्ठ, कृष्ण अष्टमी |
मई 22, 2025 | हनुमान जयन्ती *तेलुगु | बृहस्पतिवार ज्येष्ठ, कृष्ण दशमी |
मई 23, 2025 | अपरा एकादशी | शुक्रवार ज्येष्ठ, कृष्ण एकादशी |
मई 24, 2025 | शनि त्रयोदशी | शनिवार ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी |
मई 24, 2025 | प्रदोष व्रत | शनिवार ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी |
मई 25, 2025 | मासिक शिवरात्रि | रविवार ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्दशी |
मई 26, 2025 | वट सावित्री व्रत | सोमवार ज्येष्ठ, कृष्ण अमावस्या |
मई 26, 2025 | मासिक कार्तिगाई | सोमवार सौर कैलेण्डर पर आधारित |
मई 26, 2025 | दर्श अमावस्या | सोमवार ज्येष्ठ, कृष्ण अमावस्या |
मई 26, 2025 | अन्वाधान | सोमवार ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्दशी |
मई 27, 2025 | शनि जयन्ती | मंगलवार ज्येष्ठ, कृष्ण अमावस्या |
मई 27, 2025 | रोहिणी व्रत | मंगलवार जैन कैलेण्डर पर आधारित |
मई 27, 2025 | इष्टि | मंगलवार ज्येष्ठ, कृष्ण अमावस्या |
मई 27, 2025 | ज्येष्ठ अमावस्या | मंगलवार आषाढ़, कृष्ण अमावस्या |
मई 28, 2025 | चन्द्र दर्शन | बुधवार ज्येष्ठ, शुक्ल प्रतिपदा |
मई 30, 2025 | विनायक चतुर्थी | शुक्रवार ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी |
मई माह का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
- वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा: यह महीना बुद्ध पूर्णिमा जैसे पवित्र पर्व के कारण बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है और वैशाख पूर्णिमा व्रत का विशेष फल मिलता है।
- अक्षय तृतीया: मई माह में अक्षय तृतीया आता है, जिसे अबूझ मुहूर्त कहा जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह, खरीदारी, दान-पुण्य आदि कार्य शुभ माने जाते हैं।
- सीता नवमी: यह दिन माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
- एकादशी व्रत: मई में दो एकादशी व्रत होते हैं – अपरा एकादशी और मोहिनी एकादशी, जो मोक्ष प्रदान करने वाले माने जाते हैं।
- गंगा सप्तमी: इस दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था। गंगा स्नान, जप, दान और पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- स्नान-दान का माह: वैशाख मास के दौरान (जो अप्रैल-मई में आता है), सुबह के समय गंगा स्नान और दान का अत्यधिक महत्व होता है।
- शिव पूजन: प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि के अवसर पर शिव पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- भगवद भक्ति एवं व्रत अनुष्ठान: मई माह उपवास, ध्यान और साधना के लिए उत्तम समय है।
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