चातुर्मास व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| चर्तुमास पूजा विधि || चर्तुमास में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। सबसे पहले चर्तुमास के दिनों मे जल्दी उठें । उसके बाद नहाकर साफ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। चर्तुमास के दिनों में भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। चर्तुमास में भगवान विष्णु के मंत्र जाप करने से…

श्री नर्मदा व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| नर्मदा जयंती पूजन विधि || हिंदू धर्म में नदियों में स्नान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। नर्मदा जयंती पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के मध्य नर्मदा किसी भी समय स्नान किया जा सकता है। इस पावन अवसर पर प्रातः जल्दी उठकर नर्मदा में स्नान करने के बाद सुबह फूल, धूप,…

स्कंद षष्ठी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजन || स्कंद षष्ठी के अवसर पर शिव-पार्वती को पूजा जाता है। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें स्कंद देव (कार्तिकेय) की स्थापना करके पूजा की जाती है तथा अखंड दीपक जलाए जाते हैं। || महत्त्व || भगवान स्कंद शक्ति के अधिदेव हैं, देवताओं ने इन्हें अपना सेनापतित्व प्रदान किया था। मयूर…

सोलह सोमवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || हाथ में अक्षत तथा फूल लेकर दोनों हाथ जोड़ लें और भगवान शिव का आह्वान करें। हाथ में लिये हुए फूल और अक्षत शिव भगवान को समर्पित करें। सबसे पहले भगवान शिव पर जल चढ़ाएं। जल के बाद सफेद वस्त्र अर्पित करें। सफेद चंदन से भगवान को तिलक लगाएं एवं तिलक…

बगलामुखी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| बगलामुखी पूजा विधि | | जातक सुबह नित्य कर्म और स्नान करने के बाद पूर्वमुखी होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। माता को पीले आसान पर विराजमान करके, पूजा सामग्री एकत्रित करें। सामान्यजन इस दिन उपवास रखकर उन्हें पीले रंग के फूल, पीले रंग का चन्दन और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करते…

ज्वाला माता की कथा एवं पूजा विधि

|| श्री ज्वाला देवी की पूजा के विधान || माता श्री ज्वाला देवी की पूजा तीन तरह से होती है- पंचोपचार विधि- पंचोपचार विधि से पूजन करने के लिए गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि मां की सेवा में प्रस्तुत करें और निवेदन करें कि हे माता! मैं अज्ञानी मूर्ख प्राणी हूं। मुझे पूजा पाठ…

श्री कुन्थुनाथ आरती

|| आरती || श्री कुन्थुनाथ प्रभु की हम आरती करते हैं आरती करके जनम जनम के पाप विनशते हैं । सांसारिक सुख के संग आत्मिक सुख भी मिलते हैं श्री कुन्थुनाथ प्रभु की हम आरती करते हैं । जब गर्भ में प्रभु तुम आये पितु सुरसेन श्री कांता माँ हर्षाये सुर वंदन करने आये श्रावण…

युगल सरकार की आरती

|| आरती || आरती प्रीतम , प्यारी की , कि बनवारी नथवारी की । दुहुँन सिर कनक – मुकुट झलकै , दुहुँन श्रुति कुंडल भल हलकै , दुहुँन दृग प्रेम – सुधा छलकै , चसीले बैन , रसीले नैन , गँसीले सैन , दुहुँन मैनन मनहारी की । दुहुँनि दृग – चितवनि पर वारी ,…

श्री कुन्थनाथ चालीसा

|| चालीसा || दयासिन्धु कुन्थु जिनराज, भवसिन्धु तिरने को जहाज । कामदेव… चक्री महाराज, दया करो हम पर भी आज । जय श्री कुन्युनाथ गुणखान, परम यशस्वी महिमावान । हस्तिनापुर नगरी के भूपति, शूरसेन कुरुवंशी अधिपति । महारानी थी श्रीमति उनकी, वर्षा होती थी रतनन की । प्रतिपदा बैसाख उजियारी, जन्मे तीर्थकर बलधारी । गहन…

श्री गजानन आरती

|| आरती || जय जय सतचित स्वरूपा स्वामी गणराया। अवतरलासी भूवर जड मुढ ताराया॥ || जयदेव जयदेव || निर्गुण ब्रह्म सनातन अव्यय अविनाशी। स्थिरचर व्यापून उरलें जे या जगताशी॥ तें तूं तत्त्व खरोखर निःसंशय अससी। लीलामात्रें धरिलें मानव देहासी॥ || जयदेव जयदेव || होऊं न देशी त्याची जाणिव तूं कवणा। करूनी गणि गण गणांत बोते…

भगवान शंकर आरती

॥ आरती ॥ जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥ जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥ जयति जयति जग-निवास…॥ अजर अमर अज अरूप,सत चित आनन्दरूप। व्यापक ब्रह्मस्वरूप,भव! भव-भय-हारी॥ जयति जयति जग-निवास…॥ शोभित बिधुबाल भाल,सुरसरिमय जटाजाल। तीन नयन अति विशाल,मदन-दहन-कारी॥ जयति जयति जग-निवास…॥ भक्तहेतु धरत शूल,करत कठिन शूल फूल। हियकी सब हरत हूलअचल शान्तिकारी॥ जयति जयति जग-निवास…॥ अमल अरुण चरण कमलसफल…

श्री महादेव आरती

॥ आरती ॥ हर हर हर महादेव! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी। अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥ हर हर हर महादेव! आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी। अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर हर महादेव! ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी। कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥ हर हर हर महादेव! रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी। साक्षी,…

भगवान कैलासवासी आरती

॥ आरती ॥ शीश गंग अर्धन्ग पार्वती सदा विराजत कैलासी। नन्दी भृन्गी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुर सुखरासी॥ शीतल मन्द सुगन्ध पवन बह बैठे हैं शिव अविनाशी। करत गान गन्धर्व सप्त स्वर राग रागिनी मधुरासी॥ यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत, बोलत हैं वनके वासी। कोयल शब्द सुनावत सुन्दर, भ्रमर करत हैं गुन्जा-सी॥ कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु…

होलिका कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || नारद पुराण के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन (रंग वाली होली के दिन) प्रात: काल उठकर आवश्यक नित्यक्रिया से निवृत्त होकर पितरों और देवताओं के लिए तर्पण-पूजन करना चाहिए। साथ ही सभी दोषों की शांति के लिए होलिका की विभूति की वंदना कर उसे अपने शरीर में लगाना चाहिए। घर…

सोमवार की आरती

|| आरती || जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धाङ्गी धारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ || जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकारा || दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज ते सोहे । तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ || जय शिव ओंकारा हर जय…

श्री काल भैरव अष्टक

|| श्री काल भैरव अष्टक || देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् । नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् । कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् । भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् । विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम् । स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं…

श्री राम रघुवीर आरती

॥ आरती ॥ ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन। हरण दुखदुन्द गोविन्द आनन्दघन॥ अचर चर रुप हरि, सर्वगत, सर्वदा बसत, इति बासना धूप दीजै। दीप निजबोधगत कोह-मद-मोह-तम प्रौढ़ अभिमान चित्तवृत्ति छीजै॥ ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥ भाव अतिशय विशद प्रवर नैवेद्य शुभ श्रीरमण परम सन्तोषकारी। प्रेम-ताम्बूल गत शूल सन्शय सकल, विपुल भव-बासना-बीजहारी॥…

श्री जानकीनाथ आरती

॥ आरती ॥ जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा। दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनिये बाता॥ जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥ तुम रघुनाथ हमारे प्रान, पिता माता। तुम ही सज्जन-सङ्गी भक्ति मुक्ति दाता॥ जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥ लख चौरासी काटो मेटो यम त्रासा। निसिदिन प्रभु मोहि रखिये अपने ही पासा॥ जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥ राम भरत लछिमन सँग…

राधिका देवी आरती

॥ आरती ॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ भयभन्जिनि भव-सागर-तारिणि, पाप-ताप-कलि-कल्मष-हारिणि, दिव्यधाम गोलोक-विहारिणि, जनपालिनि जगजननि भली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। अखिल विश्व-आनन्द-विधायिनि, मंगलमयी सुमंगलदायिनि, नन्दनन्दन-पदप्रेम प्रदायिनि, अमिय-राग-रस रंग-रली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। नित्यानन्दमयी आह्लादिनि, आनन्दघन-आनन्द-प्रसाधिनि, रसमयि, रसमय-मन-उन्मादिनि, सरस कमलिनी कृष्ण-अली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। नित्य निकुन्जेश्वरि राजेश्वरि, परम प्रेमरूपा परमेश्वरि, गोपिगणाश्रयि गोपिजनेश्वरि, विमल विचित्र…

श्री महावीर आरती

॥ आरती ॥ जय महावीर प्रभो!, स्वामी जय महावीर प्रभो!। जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो॥ ॐ जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये। पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए॥ ॐ जय महावीर प्रभु । दीनानाथ दयानिधि, हैं मंगलकारी। जगहित संयम धारा, प्रभु परउपकारी॥ ॐ जय महावीर प्रभु । पापाचार मिटाया, सत्पथ दिखलाया।…

श्री प्रेतराज आरती

॥ आरती ॥ दीन दुखिन के तुम रखवाले, संकट जग के काटन हारे। बालाजी के सेवक जोधा, मन से नमन इन्हें कर लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै… जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे। उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै… बाबा के तुम आज्ञाकारी,…

रविवार आरती

॥ आरती ॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥ ॐ जय अदिति नन्दन… सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥ ॐ जय अदिति नन्दन… सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ॐ जय अदिति नन्दन… सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।…

परमा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परमा एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें, भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें, अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें विष्णु चालीसा का पाठ और आरती जरूर…

अपरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अपरा एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग…

श्री वेंकटेश्वर स्वामी आरती

|| आरती || जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय तिरुपति बालाजी, जय जय वेंकट स्वामी, तुम हो अंतर्यामी, जय श्री नाथ हरी, जय तिरुपति बालाजी…. अगणित नाम तुम्हारे अगणित रूप धरे, स्वामी अगणित रूप धरे, तुमको ध्याये…

श्री तिरुपति बाला जी चालीसा

|| दोहा || रामानुज पदकमल का, मन में धर कर ध्यान। श्रीनिवास भगवान का, करें विमल गुण गान ।। तिरुपति की महिमा बड़ी, गाते वेद-पुरान । कलियुग में प्रत्यक्ष हैं, वेंकटेश भगवान ।। || चौपाई || जय श्रीवेंकटेश करुणा कर । श्रीनिवास स्वामी सुख सागर ।। जय जय तिरुपति धाम निवासी । अखिल लोक स्वामी…

कामिका एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ कामिका एकादशी पूजा विधि ॥ इस एकादशी के व्रत की विधि दशमी से ही शुरू हो जाती है। इस व्रत को रखने वाले साधक को सात्विक भोजन करना चाहिए और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लेना चाहिए। उसके बाद विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा…

वरूथिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ वरूथिनी एकादशी पूजा विधि ॥ सर्वप्रथम एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके निवृत्त हो जाएँ। इसके बाद साफ सुथरे कपड़े धारण कर लें। अब भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को…

आमलकी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ आमलकी एकादशी पूजा विधि ॥ आमलकी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें। श्री विष्णु को रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप…

मोहिनी (पापमोचनी) एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मोहिनी एकादशी पूजा विधि ॥ पापमोचनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है व्रत के दिन सूर्योदय के समय जगें और स्नान करना चाहिए भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए दिन में भगवान विष्णु की पूजा के बाद रात्रि में…

षटतिला एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ षटतिला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन तिल का प्रयोग 6 तरीकों से किया जाता है। तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोग और तिल का दान। पूजा के लिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में…

श्री महालक्ष्मी आरती

|| आरती || ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ || ओम जय लक्ष्मी माता || उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ || ओम जय लक्ष्मी माता || दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ || ओम…

श्री चंद्रघंटा माँ आरती

|| आरती || जय मां चंद्रघंटा सुख धाम पूर्ण कीजो मेरे काम चंद्र समान तू शीतल दाती चंद्र तेज किरणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली मीठे बोल सिखाने वाली मन की मालक मन भाती हो चंद्र घंटा तुम वरदाती हो सुंदर भाव को लाने वाली हर संकट मे बचाने वाली हर बुधवार जो…

श्री राम रघुपति आरती

॥ आरती ॥ बन्दौं रघुपति करुना निधान। जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥ रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस। सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥ निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग। लावन्यबपुष अगनित अनन्ग॥ अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड। अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥ अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार। सुररन्जन, भन्जन भूमिभार॥ रागादि- सर्पगन पन्नगारि। कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥ भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द। जानकी-रवन आनन्द कन्द॥ हनुमन्त प्रेम बापी मराल। निष्काम कामधुक गो दयाल॥ त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम। कह तुलसिदास…

जानकी माता आरती

॥ आरती ॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की। राममधुपमन कमल कली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी। अन्तर साँवर बाहर गोरी। सकल सुमन्गल सुफल फली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी, पीय प्रेम रस-राशि किशोरी। पिय मन गति विश्राम थली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रूप-रास गुननिधि…

श्री शीतला अष्टमी व्रत कथा

|| शीतलाष्टमी कथा || एक बार एक राजा के इकलौते पुत्र को शीतला (चेचक) निकली। उसी के राज्य में एक काछी-पुत्र को भी शीतला निकली हुई थी। काछी परिवार बहुत गरीब था, पर भगवती का उपासक था। वह धार्मिक दृष्टि से जरूरी समझे जाने वाले सभी नियमों को बीमारी के दौरान भी भली-भांति निभाता रहा।…

श्री विजय पार्वती व्रत कथा

|| विजया-पार्वती व्रत का पूजन || * आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। * तत्पश्चात व्रत का संकल्प करके माता पार्वती का स्मरण करें। * घर के मंदिर में शिव-पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। * फिर शिव-पार्वती को कुंमकुंम, शतपत्र, कस्तूरी, अष्टगंध और…

श्री सीता नवमी व्रत कथा

|| पूजन विधि || सीता नवमी के दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान के प‍श्चात व्रत का संकल्प लें। एक लकड़ी के पटिये पर पीला वस्त्र बिछाकर माता सीता की श्रीराम सहित मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। राम-सीता की प्रतिमा पर श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। इस दिन दूध, पुष्प, धूप, दीप एवं नैवेद्य…

श्री भैरवी व्रत कथा

|| माँ भैरवी की कथा || यह कथा बहुत ही रोचक हैं जो भगवान शिव व उनकी प्रथम पत्नी माता सती से जुड़ी हुई हैं। हालाँकि उनकी दूसरी पत्नी माता पार्वती माँ सती का ही पुनर्जन्म मानी जाती हैं। भैरवी महाविद्या की कहानी के अनुसार, एक बार माता सती के पिता राजा दक्ष ने विशाल…

श्री सप्तश्रृंगा अंबा आरती

|| आरती || जय देवी सप्तश्रृंगा अंबा गौतमी गंगा नटली ही । बहुरंगा उटी शेंदूर अंगा जय देवी सप्तश्रृंगा ।। धृ ।। पूर्व मुख अंबे ध्यान जरा वाकडी मान मार्कडेय देई कान । सप्तशतीचे पान एके अंबा गिरि श्रृंगा, अंबा गौतमी गंगा जय देवी सप्तश्रृंगी ।। माये तुझा बहु थाट देई सगुण भेट प्रेम पान्हा…

श्री दंतेश्वरी माता आरती

|| आरती || ओम दंतेश्वरी माता, जय दंतेश्वरी माता। शरणागत की रक्षक, रिद्धि –सिद्धि दाता।। पावन छवि विराजत, श्यामागी गौरी। रजत सर्वण आभूषण, भात मुकुट धारी।। शक्ति सती कल्याणी, भव संताप हरे। दंतेश्वरी भवानी, नाम अनेक धरे।। मंगल ज्योति कलश की, जगमग ज्योति जले। तन–मन करे प्रकाशित, जग्दम्बे अमले।। दानव देव मनुज संत, सेवक सब…

वायु नंदन की आरती

|| आरती || हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ , आरती गाऊँ प्यारे आपको मनाऊँ, आपको मनाऊँ प्यारे आपको रिझाऊँ, हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ , मस्तक पे है मुकूट बिराजे , हृदय में श्री राम बिराजे, उन चरणों के में दरसन पाऊँ, हे वायु नंदन तेरी आरती गाऊँ, सीता सुधी प्रभु राम को…

श्री भागवत भगवान आरती

|| आरती || श्री भागवत भगवान की आरती श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला। हरि नाम यही हरि धाम यही, जग मंगल की आरती पापियों को पाप से है तारती॥ ॥ श्री भागवत भगवान की…

श्री नाग पंचमी आरती

|| आरती || श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै । तन मन धन सब अर्पण कीजै । नेत्र लाल भिरकुटी विशाला । चले बिन पैर सुने बिन काना । उनको अपना सर्वस्व दीजे।। पाताल लोक में तेरा वासा । शंकर विघन विनायक नासा । भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।। शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।…

शेषनाग की आरती

|| आरती || आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की। उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त, सभी करते है सेवा॥ मनोकामना पूरण करते, तन-मन से जो सेवा करते। आरती कीजे श्री नागदेवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की॥ भक्तो के संकट हारी की, आरती कीजे श्री नागदेवता की। आरती कीजे…

श्री भैरवी माता आरती

|| आरती || जय-जय भै‍रवि असुर भयाउनि पशुपति भामिनी माया सहज सुमति वर दियउ गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया वासर रैनि सबासन शोभित चरण चन्‍द्रमणि चूड़ा कतओक दैत्‍य मारि मुख मेलल कतओ उगिलि कएल कूड़ा सामर बरन नयन अनुरंजित जलद जोग फुलकोका कट-कट विकट ओठ पुट पांडरि लिधुर फेन उठ फोंका घन-घन-घनय घुंघरू कत बाजय…

गिरिधारी आरती

॥ आरती ॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। दानव-दल-बलहारी, गो-द्विज-हितकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। जय गोविन्द दया निधि, गोवर्धन-धारी। वन्शीधर बनवारी ब्रज-जन-प्रियकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। गणिका-गीध-अजामिल गजपति-भयहारी। आरत-आरति-हारी, जग-मन्गल-कारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। गोपालक, गोपेश्वर, द्रौपदि-दुखदारी। शबर-सुता-सुखकारी, गौतम-तिय तारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु,…

नटवर आरती

॥ आरती ॥ नन्द-सुवन जसुमतिके लाला, गोधन गोपी प्रिय गोपाला। देवप्रिय असुरनके काला, मोहन विश्वविमोहन वर की॥ आरती कीजै श्रीनटवर जी की। जय वसुदेव-देवकी-नन्दन, कालयवन-कन्सादि-निकन्दन। जगदाधार अजय जगवन्दन, नित्य नवीन परम सुन्दर की॥ आरती कीजै श्रीनटवर जी की। अकल कलाधर सकल विश्वधर, विश्वम्भर कामद करुणाकर। अजर, अमर, मायिक, मायाहर, निर्गुन चिन्मय गुणमन्दिर की॥ आरती कीजै…