ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ)

|| ವಿಜಯಾದಶಮೀ ಕೀ ಕಥಾ (ದಶಹರಾ ವ್ರತ ಕಥಾ) || ಆಶ್ವಿನ ಮಾಸ ಕೀ ಶುಕ್ಲ ಪಕ್ಷ ಕೀ ದಶಮೀ ತಿಥಿ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹಾ ಜಾತಾ ಹೈ, ಔರ ಇಸಕೇ ನಾಮ ಕೇ ಪೀಛೇ ಕಈ ಪೌರಾಣಿಕ ಔರ ಜ್ಯೋತಿಷೀಯ ಕಾರಣ ಬತಾಏ ಗಏ ಹೈಂ. ಇಸ ದಿನ ಕೋ ‘ವಿಜಯಾದಶಮೀ’ ಕಹೇ ಜಾನೇ ಕಾ ಏಕ ಪ್ರಮುಖ ಕಾರಣ ದೇವೀ ಭಗವತೀ ಕೇ ‘ವಿಜಯಾ’ ನಾಮ ಸೇ ಜುಡ಼ಾ ಹುಆ ಹೈ. ಇಸಕೇ ಸಾಥ…

सिद्धिदात्री माता व्रत कथा पूजा विधि

।। सिद्धिदात्री माता कथा ।। मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में…

महागौरी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। महागौरी माता कथा ।। नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और…

मां काली की कथा

|| मां काली की कथा || हिंदू धर्म में मां काली का प्रमुख स्थान है काली का अर्थ है समय और काल ऐसा माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति समय और काल पापियों के नाश के लिए हुई थी| समय और काल से कोई भी नहीं बच सकता यह सभी को निगल जाता है माता…

कालरात्रि माता व्रत कथा पूजा विधि

।। कालरात्रि माता व्रत कथा ।। जैसा कि नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं…

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पापंकुशा एकादशी पूजा विधि ॥ सुबह जल्दी उठें, नहाएं और साफ कपड़े पहनें। भगवान पद्मनाभ की पूजा करें, पहले तिलक करें और फिर फूल, अगरबत्ती, प्रसाद आदि चढ़ाएं। मंत्रों का जाप करें, विष्णु पुराण और कथा का पाठ करें। भगवान विष्णु जी की आरती कर पूजा का समापन करें। ॥ पापांकुशा एकादशी व्रत कथा…

कात्यायनी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। कात्यायनी माता कथा ।। कात्यायनी माता व्रत कथा का उल्लेख विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है। कात्यायनी माता, माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी उपासना से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत मुख्य रूप से कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने इच्छित वर की प्राप्ति के…

स्कंदमाता व्रत कथा और पूजा विधि

।। स्कंदमाता व्रत कथा ।। पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं स्कंदमाता। नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है।…

कुष्मांडा माता व्रत कथा और पूजा विधि

|| मां कुष्मांडा की पावन कथा || सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि त्रिदेवों ने चिरकाल में सृष्टि की रचना करने की कल्पना की। उस समय समस्त ब्रह्मांड में घोर अंधेरा छाया हुआ था। न राग, न ध्वनि, केवल सन्नाटा था। त्रिदेवों ने जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा से सहायता ली। मां दुर्गा के चौथे…

चंद्रघंटा माता व्रत कथा पूजा विधि

।। चंद्रघंटा माता व्रत कथा ।। पुराणों में जिस कथा का जिक्र है उसके मुताबिक देव लोक में जब असुरों का आतंक अधिक बढ़ गया तब देवी दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार लिया। उस वक्त महिषासुर असुरों का स्वामी था। ये दुत्कारी महिष देवराज इंद्र का सिंहासन पाना चाहता था। स्वर्गलोक पर राज करने…

ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा पूजा विधि

।। ब्रह्मचारिणी माता व्रत कथा ।। ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं। पूर्वजन्म में इस देवी ने हिमालय के घर…

शैलपुत्री माता व्रत कथा और पूजा विधि

।। शैलपुत्री माता व्रत कथा ।। मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण…

सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा

|| सर्वपितृ अमावस्या पौराणिक कथा || श्राद्ध पक्ष में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि माना जाता है। यदि किसी कारणवश व्यक्ति श्राद्ध की निर्धारित तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाया हो या उसे तिथि ज्ञात न हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। इस…

सर्वपित्री अमावस्येची कथा

|| सर्वपित्री अमावस्येची कथा || श्राद्ध पक्षात सर्वपितृ अमावस्येला विशेष महत्त्व आहे. याला पितरांना विदा करण्याची शेवटची तारीख मानली जाते. जर एखाद्या व्यक्तीने कोणत्याही कारणास्तव श्राद्धाच्या ठरलेल्या दिवशी श्राद्ध करू शकले नाही किंवा त्याला ती तारीख माहीत नसेल, तर तो सर्वपितृ अमावस्येला श्राद्ध करू शकतो. या दिवसाच्या महत्त्वावर एक पुरातन पौराणिक कथा आधारित आहे. देवांचे…

ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା

|| ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପୌରାଣିକ କଥା || ଶ୍ରାଦ୍ଧ ପକ୍ଷ ମେଂ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା କା ବିଶେଷ ମହତ୍ୱ ହୈ। ଇସେ ପିତରୋଂ କୋ ବିଦା କରନେ କୀ ଅନ୍ତିମ ତିଥି ମାନା ଜାତା ହୈ। ଯଦି କିସୀ କାରଣବଶ ବ୍ୟକ୍ତି ଶ୍ରାଦ୍ଧ କୀ ନିର୍ଧାରିତ ତିଥି ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ ନହୀଂ କର ପାୟା ହୋ ଯା ଉସେ ତିଥି ଜ୍ଞାତ ନ ହୋ, ତୋ ସର୍ୱପିତୃ ଅମାବସ୍ୟା ପର ଶ୍ରାଦ୍ଧ କର ସକତା ହୈ। ଇସ…

സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ

|| സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പൗരാണിക കഥാ || ശ്രാദ്ധ പക്ഷ മേം സർവപിതൃ അമാവസ്യാ കാ വിശേഷ മഹത്വ ഹൈ. ഇസേ പിതരോം കോ വിദാ കരനേ കീ അന്തിമ തിഥി മാനാ ജാതാ ഹൈ. യദി കിസീ കാരണവശ വ്യക്തി ശ്രാദ്ധ കീ നിർധാരിത തിഥി പര ശ്രാദ്ധ നഹീം കര പായാ ഹോ യാ ഉസേ തിഥി ജ്ഞാത ന ഹോ, തോ സർവപിതൃ അമാവസ്യാ പര ശ്രാദ്ധ കര സകതാ ഹൈ. ഇസ…

ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ

|| ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪೌರಾಣಿಕ ಕಥಾ || ಶ್ರಾದ್ಧ ಪಕ್ಷ ಮೇಂ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಕಾ ವಿಶೇಷ ಮಹತ್ವ ಹೈ. ಇಸೇ ಪಿತರೋಂ ಕೋ ವಿದಾ ಕರನೇ ಕೀ ಅಂತಿಮ ತಿಥಿ ಮಾನಾ ಜಾತಾ ಹೈ. ಯದಿ ಕಿಸೀ ಕಾರಣವಶ ವ್ಯಕ್ತಿ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕೀ ನಿರ್ಧಾರಿತ ತಿಥಿ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ನಹೀಂ ಕರ ಪಾಯಾ ಹೋ ಯಾ ಉಸೇ ತಿಥಿ ಜ್ಞಾತ ನ ಹೋ, ತೋ ಸರ್ವಪಿತೃ ಅಮಾವಸ್ಯಾ ಪರ ಶ್ರಾದ್ಧ ಕರ ಸಕತಾ ಹೈ. ಇಸ…

ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா²

|| ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பௌராணிக கதா² || ஶ்ராத்³த⁴ பக்ஷ மேம்ʼ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா கா விஶேஷ மஹத்வ ஹை. இஸே பிதரோம்ʼ கோ விதா³ கரனே கீ அந்திம திதி² மானா ஜாதா ஹை. யதி³ கிஸீ காரணவஶ வ்யக்தி ஶ்ராத்³த⁴ கீ நிர்தா⁴ரித திதி² பர ஶ்ராத்³த⁴ நஹீம்ʼ கர பாயா ஹோ யா உஸே திதி² ஜ்ஞாத ந ஹோ, தோ ஸர்வபித்ருʼ அமாவஸ்யா பர ஶ்ராத்³த⁴ கர ஸகதா ஹை. இஸ…

సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా

|| సర్వపితృ అమావస్యా పౌరాణిక కథా || శ్రాద్ధ పక్ష మేం సర్వపితృ అమావస్యా కా విశేష మహత్వ హై. ఇసే పితరోం కో విదా కరనే కీ అంతిమ తిథి మానా జాతా హై. యది కిసీ కారణవశ వ్యక్తి శ్రాద్ధ కీ నిర్ధారిత తిథి పర శ్రాద్ధ నహీం కర పాయా హో యా ఉసే తిథి జ్ఞాత న హో, తో సర్వపితృ అమావస్యా పర శ్రాద్ధ కర సకతా హై. ఇస…

इंदिरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ इंदिरा एकादशी व्रत कथा ॥ प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी…

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जीवित्पुत्रिका पूजा व‍िध‍ि || जीवित्पुत्रिका व्रत के पहले दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर, सूर्योदय से पहले स्नान करती हैं और फिर पूजा करती हैं। इसके बाद वे एक बार भोजन करती हैं। दूसरे दिन सुबह फिर से स्नान करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और पूरा दिन बिना पानी पिए यानी निर्जला व्रत…

जितिया व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| जितिया व्रत की पूजा व‍िध‍ि || जितिया व्रत के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्‍नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्‍नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन…

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (पूजा विधि)

।। त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा ।। पद्म पुराण के अनुसार देवर्षि नारदजी ने भगवान शिवजी से पूछा: सर्वेश्वर! आप त्रिस्पृशा नामक व्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग कर्मबंधन से मुक्त हो जाते हैं। महादेवजी बोले: विद्वान्! देवाधिदेव भगवान ने मोक्षप्राप्ति के लिए इस व्रत की सृष्टि की है, इसीलिए इसे वैष्णवी तिथि कहते हैं।…

महालया पूजा की पौरणिक कथा

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महालया पितृ पक्ष के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन, पितरों को श्रद्धांजलि देने के बाद, देवी दुर्गा की पूजा की शुरुआत होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब असुरों का उत्पात बढ़ गया था, तब देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की थी। महालया के दिन, देवी दुर्गा अपनी…

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि

|| महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि || सबसे पहले एक चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। ध्यान रखें की मूर्ति का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। इसके बाद थोड़ा से चावल डालकर लक्ष्मी जी के पास कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर एक नारियल में कपड़ा बांधकर…

(विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी) आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आश्विन संकष्टी गणेश (विघ्नराज) चतुर्थी व्रत कथा || आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी को श्रीकृष्ण और बाणासुर की कथा इस प्रकार है: एक समय की बात है, बाणासुर की कन्या उषा ने सुषुप्तावस्था में अनिरुद्ध का स्वप्न देखा। अनिरुद्ध के विरह से वह इतनी अभिलाषी हो गई कि उसके चित को किसी भी प्रकार से…

ललिता पंचमी व्रत कथा

|| ललिता पंचमी व्रत कथा || शारदीय नवरात्रि के समय, आश्विन शुक्ल पंचमी को ललिता पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देवी ललिता को समर्पित है, जो माता सती पार्वती का ही एक रूप मानी जाती हैं। इस दिन भक्त ललिता पंचमी व्रत रखते हैं। देवी ललिता को ‘त्रिपुर सुंदरी’ भी कहा जाता…

ಪಿತೃ ತರ್ಪಣ ವಿಧಾನ

॥ ಪಿತೃ ತರ್ಪಣಮ್ ॥ ಶುಚಿಃ – ಅಪವಿತ್ರಃ ಪವಿತ್ರೋವಾ ಸರ್ವಾವಸ್ಥಾಂ ಗತೋಽಪಿ ವಾ । ಯಃ ಸ್ಮರೇತ್ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷಂ ಸ ಬಾಹ್ಯಾಭ್ಯನ್ತರಃ ಶುಚಿಃ ॥ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ಪುಣ್ಡರೀಕಾಕ್ಷ ॥ ಪ್ರಾರ್ಥನಾ – ಶುಕ್ಲಾಮ್ಬರಧರಂ ವಿಷ್ಣುಂ ಶಶಿವರ್ಣಂ ಚತುರ್ಭುಜಮ್ । ಪ್ರಸನ್ನವದನಂ ಧ್ಯಾಯೇತ್ ಸರ್ವ ವಿಘ್ನೋಪಶಾನ್ತಯೇ ॥ ವಕ್ರತುಣ್ಡ ಮಹಾಕಾಯ ಕೋಟಿಸೂರ್ಯಸಮಪ್ರಭ । ನಿರ್ವಿಘ್ನಂ ಕುರು ಮೇ ದೇವ ಸರ್ವಕಾರ್ಯೇಷು ಸರ್ವದಾ ॥ ಓಂ ಶ್ರೀ ಮಹಾಗಣಾಧಿಪತಯೇ ನಮಃ । ಆಚಮ್ಯ – ಓಂ ಕೇಶವಾಯ…

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल थे, और उनकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शापवश राजा नल को राज्य खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को पुनः प्राप्त किया। राजा नल…

श्री गणेश व्रत कथा

|| श्री गणेश जी पूजन विधि || भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम – मंत्रों से भी पूजन कर सकते है। सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर…

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अनंत चतुर्दशी पूजा विधि ।। इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं। एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें 14 गांठें लगी होनी चाहिए। इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।…

भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा

|| भगवान श्री विश्वकर्मा की कथा || पहला अध्याय कई ऋषि एक दिन धर्मक्षेत्र में इकट्ठे हुए और उन्होंने सूत जी से पूछा, “हे महात्मा, आप हमें यह बताइए कि विष्णु के कई रूपों में से कौन सा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है?” सूत जी बोले, “हे ऋषियो, आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है, जो…

परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परिवर्तिनी एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान की आरती करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को भोग लगाएं। इस…

श्री राधा अष्टमी व्रत कथा

|| राधा अष्टमी महत्व || राधा अष्टमी का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन राधा रानी की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि राधा अष्टमी का व्रत करने से साधक कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती है। जो भी राधा अष्टमी का व्रत निष्ठा…

हरतालिकेची कहाणी व्रताची कथा

।। हरतालिकेची कहाणी कथा (हरतालिका तीज व्रत कथा मराठी) ।। एके दिवशी शंकरपार्वती कैलास पर्वतावर बसली होती. पार्वतीनं शंकराला विचारलं, महाराज सर्व व्रतात चांगलं असं व्रत कोणते? श्रम थोडे आणि फळ पुष्कळ असं एखादं व्रत असलं तर मला सांगा. मी कोणत्या पुण्याईनं आपले पदरी पडले हेही मला सांगा. तेव्हा शंकर म्हणाले, जसा नक्षत्रांत चंद्र श्रेष्ठ,…

हरतालिका तीज व्रत कथा

|| हरतालिका तीज व्रत कथा || एक कथा के अनुसार माँ पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का सेवन नहीं किया। काफी समय सूखे पत्ते चबाकर ही…

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

|| बृहस्पतिवार व्रत का महत्व || गुरुवार (बृहस्पतिवार) का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना जाता है। केले के पेड़ को हिन्दू धर्मानुसार बेहद पवित्र…

वराह अवतार की कथा

।। वराह अवतार की कथा ।। हिरण्याक्ष नामक एक दश्यू के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु ने वराह रूप में अवतार लिया था। आज हम आपको इसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कश्यप ऋषि की पत्नी दिती की गर्भ से हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नाम के दो जुड़वां…

हलषष्ठी सम्पूर्ण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| हलषष्ठी व्रत पूजा विधि || भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी से ही व्रत का नियम शुरू करें अर्थात् एक समय का भोजन कर हलषष्ठी व्रत करने का संकल्प करें। षष्ठी के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। एक बार का धोया अर्थात् नवीन स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माताएँ सौभाग्य का सारा…

अजा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ अजा एकादशी पूजा विधि ॥ अजा एकादशी का व्रत करने वाले जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निपटने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है, जिसमें घड़े पर लाल रंग का वस्त्र सजाया जाता है और उसकी पूजा…

कृष्णाच्या जन्माची कहाणी

॥ जन्माष्टमीचे व्रत कसे करावे ॥ जन्माष्टमीचे व्रत हे अष्टमीच्या दिवशी एकभुक्त राहून करावे. मध्यरात्री शुचिर्भूत होऊन संकल्प करावा. यानंतर बाळकृष्णाची मूर्ती किंवा प्रतिमा स्थापन करावी. यानंतर सपरिवार श्रीकृष्णाची षोडशोपचार पूजा करावी. धूप, दीप, नैवेद्य दाखवावा. श्रीकृष्णाची आरती करावी. पूजा करून पुरुषसूक्त, विष्णूसूक्ताचे स्तवन करावे. वाद्यांचा घोष, गीतांचे मंगल स्वर, पुराण, इतिहासातील निरनिराळ्या सत्कथा ऐकत…

श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| श्रावण श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || धर्मराज युधिष्ठिर ने इस व्रत को किया था। जब पूर्वकाल में राजच्युत होकर अपने भाइयों के साथ वे वनवास में थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें इस व्रत के बारे में बताया। युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से अपने कष्टों के शमन के लिए उपाय पूछा था।…

कजरी तीज व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| कजरी तीज पूजा विधि || कजरी तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और शिवजी की प्रतिमा स्थापित करें। अब माता पार्वती को 16 श्रृंगार…

ସୁଦଶା ବ୍ରତ କଥା

|| ସୁଦଶା ବ୍ରତ କଥା || ବୈବସ୍ଵତ୍ ମନ୍ ପୁଚ୍ଛାକଲେ, ଭୋ ଅଗସ୍ତି ମୋତେ ପଦ୍ମ ପୁରାଣକଥା କହିବା ହେଉ ଅଗସ୍ତି କହିଲେ, ମହାଲକ୍ଷ୍ମୀ କଥା ଶୁଣିଲେ ବହୁତ ପୁଣ୍ୟ ହେବ। ଧନଜନ, ଆୟୁବଳ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ । ସ୍ତ୍ରୀ ସୁଲକ୍ଷଣୀ ହୋଇବ। ସୂତମୁନି କହିଲେ, ସେ କଥା ମୋତେ କୁହନ୍ତୁ । ଅଗସ୍ତି କହିଲେ ସତ୍ୟଯୁଗେ ବାର ବିକ୍ରମ ନାମେ ଜଣେ ରାଜା ଥିଲେ । ରାଣୀ ନାମ ରତ୍ନାବତା । ମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ନାମ ତ୍ରୀକୁଟେଶ୍ଵର…

राखीची कथा – रक्षाबंधनाची गोष्ट

|| राखीची कथा || रक्षा बंधनाची कथा हिंदू पौराणिक कथांमध्ये आहे. ही कथा पीढ्यानुपिढ्या सांगितली गेली आहे. हिंदू पौराणिक कथांनुसार, या सणाची सुरुवात भगवान श्रीकृष्णांनी आपल्या बहिण सुभद्राला दिलेल्या प्रेम आणि संरक्षणाच्या सन्मानार्थ केली होती. सुभद्रा एक तरुण मुलगी होती जी युद्धासाठी जात असलेल्या आपल्या भाऊ भगवान श्रीकृष्णाबद्दल चिंतित होती. तिला त्यांचे रक्षण करायचे होते…

રક્ષાબંધન કી કહાની

|| રાખી કી કહાની || રક્ષા બંધન કી કથા હિંદૂ પૌરાણિક કથાઓં મેં હૈં. યહ પીઢ઼ી દર પીઢ઼ી નીચે પારિત કી ગઈ હૈ. હિંદૂ પૌરાણિક કથાઓં કે અનુસાર, ઇસ ત્યોહાર કી શુરુઆત ભગવાન કૃષ્ણ દ્વારા અપની બહન સુભદ્રા કો દિએ ગએ પ્યાર ઔર સુરક્ષા કો મનાને કે લિએ કી ગઈ થી. સુભદ્રા એક યુવા લડ઼કી…

వరలక్ష్మి వ్రతానికి పూజ సామగ్రి

|| వరలక్ష్మి వ్రతానికి పూజ సామగ్రి || పసుపు 100 గ్రాములు కుంకుమ100 గ్రాములు. ఒక డబ్బ గంధం విడిపూలు,పూల దండలు – 6 తమల పాకులు -30 వక్కలు వంద గ్రాముల ఖర్జూరములు 50 గ్రాముల అగరవత్తులు కర్పూరము – 50 గ్రాములు ౩౦ రూపాయి నాణాలు ఒక తెల్ల టవల్ జాకెట్ ముక్కలు మామిడి ఆకులు ఒక డజన్ అరటిపండ్లు ఇతర ఐదు రకాల పండ్లు అమ్మవారి ఫోటో కలశం కొబ్బరి కాయలు తెల్లదారము…

ವರಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಕಥೆ

|| ವರಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಕಥೆ || ವರಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತದ ದಂತಕಥೆಯನ್ನು ಇಲ್ಲಿ ವಿವರಿಸಲಾಗಿದೆ. ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸದಲ್ಲಿ ಶ್ರಾವಣ ಪೂರ್ಣಿಮೆಯ ಮೊದಲು ಬರುವ ಶುಕ್ರವಾರದಂದು ವರಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತವನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕುಂಡಿನ ಪಟ್ಟಣದಲ್ಲಿ ಚಾರುಮತಿ ಎಂಬ ಬ್ರಾಹ್ಮಣ ಮಹಿಳೆ ವಾಸಿಸುತ್ತಿದ್ದಳು. ಅವಳು ಅತ್ಯಂತ ವಿನಮ್ರ ಮತ್ತು ಕರುಣಾಮಯಿ ಸ್ವಭಾವದವಳಾಗಿದ್ದಳು. ಚಾರುಮತಿ ತನ್ನ ಪತಿ ಮತ್ತು ಕುಟುಂಬದವರಿಗೆ ಅತ್ಯಂತ ಭಕ್ತಿಯಿಂದ ಹತ್ತಿರವಾಗಿದ್ದಳು. ಒಂದು ರಾತ್ರಿ, ಲಕ್ಷ್ಮಿ ದೇವಿಯು ಚಾರುಮತಿಯ ಕನಸಿನಲ್ಲಿ ಕಾಣಿಸಿಕೊಂಡು, ವರಲಕ್ಷ್ಮಿಯನ್ನು ಆರಾಧಿಸಲು ಮತ್ತು ಅವಳ ಆಶೀರ್ವಾದವನ್ನು ಪಡೆಯಲು ಸೂಚಿಸಿದಳು….