हरतालिकेची कहाणी व्रताची कथा

।। हरतालिकेची कहाणी कथा (हरतालिका तीज व्रत कथा मराठी) ।। एके दिवशी शंकरपार्वती कैलास पर्वतावर बसली होती. पार्वतीनं शंकराला विचारलं, महाराज सर्व व्रतात चांगलं असं व्रत कोणते? श्रम थोडे आणि फळ पुष्कळ असं एखादं व्रत असलं तर मला सांगा. मी कोणत्या पुण्याईनं आपले पदरी पडले हेही मला सांगा. तेव्हा शंकर म्हणाले, जसा नक्षत्रांत चंद्र श्रेष्ठ,…

हरतालिका तीज व्रत कथा

|| हरतालिका तीज व्रत कथा || एक कथा के अनुसार माँ पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का सेवन नहीं किया। काफी समय सूखे पत्ते चबाकर ही…

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

|| बृहस्पतिवार व्रत का महत्व || गुरुवार (बृहस्पतिवार) का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना जाता है। केले के पेड़ को हिन्दू धर्मानुसार बेहद पवित्र…

वराह अवतार की कथा

।। वराह अवतार की कथा ।। हिरण्याक्ष नामक एक दश्यू के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु ने वराह रूप में अवतार लिया था। आज हम आपको इसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कश्यप ऋषि की पत्नी दिती की गर्भ से हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नाम के दो जुड़वां…

हलषष्ठी सम्पूर्ण व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| हलषष्ठी व्रत पूजा विधि || भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी से ही व्रत का नियम शुरू करें अर्थात् एक समय का भोजन कर हलषष्ठी व्रत करने का संकल्प करें। षष्ठी के दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। एक बार का धोया अर्थात् नवीन स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माताएँ सौभाग्य का सारा…

अजा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ अजा एकादशी पूजा विधि ॥ अजा एकादशी का व्रत करने वाले जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निपटने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है, जिसमें घड़े पर लाल रंग का वस्त्र सजाया जाता है और उसकी पूजा…

कृष्णाच्या जन्माची कहाणी

॥ जन्माष्टमीचे व्रत कसे करावे ॥ जन्माष्टमीचे व्रत हे अष्टमीच्या दिवशी एकभुक्त राहून करावे. मध्यरात्री शुचिर्भूत होऊन संकल्प करावा. यानंतर बाळकृष्णाची मूर्ती किंवा प्रतिमा स्थापन करावी. यानंतर सपरिवार श्रीकृष्णाची षोडशोपचार पूजा करावी. धूप, दीप, नैवेद्य दाखवावा. श्रीकृष्णाची आरती करावी. पूजा करून पुरुषसूक्त, विष्णूसूक्ताचे स्तवन करावे. वाद्यांचा घोष, गीतांचे मंगल स्वर, पुराण, इतिहासातील निरनिराळ्या सत्कथा ऐकत…

श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| श्रावण श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा || धर्मराज युधिष्ठिर ने इस व्रत को किया था। जब पूर्वकाल में राजच्युत होकर अपने भाइयों के साथ वे वनवास में थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें इस व्रत के बारे में बताया। युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से अपने कष्टों के शमन के लिए उपाय पूछा था।…

कजरी तीज व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| कजरी तीज पूजा विधि || कजरी तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और शिवजी की प्रतिमा स्थापित करें। अब माता पार्वती को 16 श्रृंगार…

ସୁଦଶା ବ୍ରତ କଥା

|| ସୁଦଶା ବ୍ରତ କଥା || ବୈବସ୍ଵତ୍ ମନ୍ ପୁଚ୍ଛାକଲେ, ଭୋ ଅଗସ୍ତି ମୋତେ ପଦ୍ମ ପୁରାଣକଥା କହିବା ହେଉ ଅଗସ୍ତି କହିଲେ, ମହାଲକ୍ଷ୍ମୀ କଥା ଶୁଣିଲେ ବହୁତ ପୁଣ୍ୟ ହେବ। ଧନଜନ, ଆୟୁବଳ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ । ସ୍ତ୍ରୀ ସୁଲକ୍ଷଣୀ ହୋଇବ। ସୂତମୁନି କହିଲେ, ସେ କଥା ମୋତେ କୁହନ୍ତୁ । ଅଗସ୍ତି କହିଲେ ସତ୍ୟଯୁଗେ ବାର ବିକ୍ରମ ନାମେ ଜଣେ ରାଜା ଥିଲେ । ରାଣୀ ନାମ ରତ୍ନାବତା । ମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ନାମ ତ୍ରୀକୁଟେଶ୍ଵର…

राखीची कथा – रक्षाबंधनाची गोष्ट

|| राखीची कथा || रक्षा बंधनाची कथा हिंदू पौराणिक कथांमध्ये आहे. ही कथा पीढ्यानुपिढ्या सांगितली गेली आहे. हिंदू पौराणिक कथांनुसार, या सणाची सुरुवात भगवान श्रीकृष्णांनी आपल्या बहिण सुभद्राला दिलेल्या प्रेम आणि संरक्षणाच्या सन्मानार्थ केली होती. सुभद्रा एक तरुण मुलगी होती जी युद्धासाठी जात असलेल्या आपल्या भाऊ भगवान श्रीकृष्णाबद्दल चिंतित होती. तिला त्यांचे रक्षण करायचे होते…

રક્ષાબંધન કી કહાની

|| રાખી કી કહાની || રક્ષા બંધન કી કથા હિંદૂ પૌરાણિક કથાઓં મેં હૈં. યહ પીઢ઼ી દર પીઢ઼ી નીચે પારિત કી ગઈ હૈ. હિંદૂ પૌરાણિક કથાઓં કે અનુસાર, ઇસ ત્યોહાર કી શુરુઆત ભગવાન કૃષ્ણ દ્વારા અપની બહન સુભદ્રા કો દિએ ગએ પ્યાર ઔર સુરક્ષા કો મનાને કે લિએ કી ગઈ થી. સુભદ્રા એક યુવા લડ઼કી…

వరలక్ష్మి వ్రతానికి పూజ సామగ్రి

|| వరలక్ష్మి వ్రతానికి పూజ సామగ్రి || పసుపు 100 గ్రాములు కుంకుమ100 గ్రాములు. ఒక డబ్బ గంధం విడిపూలు,పూల దండలు – 6 తమల పాకులు -30 వక్కలు వంద గ్రాముల ఖర్జూరములు 50 గ్రాముల అగరవత్తులు కర్పూరము – 50 గ్రాములు ౩౦ రూపాయి నాణాలు ఒక తెల్ల టవల్ జాకెట్ ముక్కలు మామిడి ఆకులు ఒక డజన్ అరటిపండ్లు ఇతర ఐదు రకాల పండ్లు అమ్మవారి ఫోటో కలశం కొబ్బరి కాయలు తెల్లదారము…

ವರಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಕಥೆ

|| ವರಮಹಾಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತ ಕಥೆ || ವರಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತದ ದಂತಕಥೆಯನ್ನು ಇಲ್ಲಿ ವಿವರಿಸಲಾಗಿದೆ. ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸದಲ್ಲಿ ಶ್ರಾವಣ ಪೂರ್ಣಿಮೆಯ ಮೊದಲು ಬರುವ ಶುಕ್ರವಾರದಂದು ವರಲಕ್ಷ್ಮಿ ವ್ರತವನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ. ಕುಂಡಿನ ಪಟ್ಟಣದಲ್ಲಿ ಚಾರುಮತಿ ಎಂಬ ಬ್ರಾಹ್ಮಣ ಮಹಿಳೆ ವಾಸಿಸುತ್ತಿದ್ದಳು. ಅವಳು ಅತ್ಯಂತ ವಿನಮ್ರ ಮತ್ತು ಕರುಣಾಮಯಿ ಸ್ವಭಾವದವಳಾಗಿದ್ದಳು. ಚಾರುಮತಿ ತನ್ನ ಪತಿ ಮತ್ತು ಕುಟುಂಬದವರಿಗೆ ಅತ್ಯಂತ ಭಕ್ತಿಯಿಂದ ಹತ್ತಿರವಾಗಿದ್ದಳು. ಒಂದು ರಾತ್ರಿ, ಲಕ್ಷ್ಮಿ ದೇವಿಯು ಚಾರುಮತಿಯ ಕನಸಿನಲ್ಲಿ ಕಾಣಿಸಿಕೊಂಡು, ವರಲಕ್ಷ್ಮಿಯನ್ನು ಆರಾಧಿಸಲು ಮತ್ತು ಅವಳ ಆಶೀರ್ವಾದವನ್ನು ಪಡೆಯಲು ಸೂಚಿಸಿದಳು….

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ प्रातः काल पति – पत्नी संयुक्त रूप से विष्णु की उपासना करें। उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें। अगर इस दिन उपवास रखकर…

वरलक्ष्मी व्रत कथा व पूजा विधि

।। वरलक्ष्मी व्रत पूजा विधि ।। वरलक्ष्मी व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को इस दिन प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा वाले स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करने के बाद व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके…

मंशा महादेव व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| पूजन विधि || भगवान शिव का यह व्रत चार वर्ष का रहता है। हर वर्ष यह व्रत सिर्फ चार महीने ही करना रहता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव बड़ी से बड़ी मन की इच्छा की पूर्ति करते है। श्रावण से कार्तिक माह तक के हर सोमवार को शिवलिंग की पूजा करें।…

मंगला गौरी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || श्रावण मास के मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करें। मां मंगला गौरी (पार्वती जी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। फिर निम्न मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लें। ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं…

సంకట హర చతుర్థి వ్రత కథ

|| సంకట హర చతుర్థి వ్రత కథ || ఒకానొక రోజున, ఇంద్రుడు తన విమానంలో బృఘండి అనే వినాయకుని భక్తుడైన ఋషి దగ్గర నుంచి ఇంద్రలోకానికి తిరుగు ప్రయాణంలో ఉన్నాడు. ఆ సమయంలో, ఘర్‌సేన్ అనే రాజు యొక్క రాజ్యం మీదుగా వెళ్ళేటప్పుడు, పాపం చేసిన ఒక వ్యక్తి ఆ విమానాన్ని చూసి కన్నేసాడు. ఆ వ్యక్తి దృష్టి సోకగానే, ఆ విమానం అకస్మాత్తుగా భూమిపై ఆగిపోయింది. ఈ అద్భుత దృశ్యాన్ని చూసి ఆ రాజు…

નાગ પંચમી વ્રત કથા

|| નાગ પંચમી વ્રત કથા || પ્રાચીન સમયમાં એક શેઠજીને સાત પુત્રો હતા, જેમણે વિવાહ કર્યા હતા. સૌથી નાના પુત્રની પત્ની ખૂબ જ બુદ્ધિશાળી અને ઉમદા વર્તણૂક ધરાવતી હતી, પરંતુ તેના પોતાના ભાઈ નહોતો. એક દિવસ, મોટી પુત્રવધૂએ અન્ય વહુઓને પીળી માટી લાવવા માટે સાથે જવાનું કહ્યું. તેઓએ ઘરની મીઠી માટી ખોદવાનું શરૂ કર્યું અને…

हरियाली तीज व्रत कथा

|| हरियाली तीज व्रत कथा || भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का एक अद्भुत पर्व है हरियाली तीज। इस पर्व से जुड़ी कथा में जानेंगे कि किस प्रकार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में प्राप्त किया। हरियाली तीज व्रत कथा के अनुसार, इस कथा का वाचन स्वयं भगवान…

દિવાસો વ્રત કથા

|| દિવાસો વ્રત કથા || એવરત-જીવરતનું વ્રત અષાઢ વદ તેરસથી અમાસ સુધી ત્રણ દિવસ કરવાનું વિધાન છે. વ્રતકર્તાએ મીઠા વિનાનું ભોજન લઈ એકટાણું કરવુું. જાગરણ કરી માતાજીના ગરબા ગાવા અને માતાજી સમક્ષ અખંડ દીવો પ્રગટાવેલો રાખવો. એવરત-જીવરતની કથા આ મુજબ છે. એક જમાનો એવો હતો કે જો સ્ત્રી નિઃસંતાન હોય તો કોઈ તેનું મોઢું ન…

नाग पंचमी पौराणिक कथा

।। नाग पंचमी पौराणिक कथा ।। प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अद्भुत महातम्य है। इनमें से कई शिवलिंग चमत्कारी हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर, जहां स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर…

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था, परंतु उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृत्यु के बाद हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम…

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा

|| अन्नपूर्णा माता व्रत कथा || एक समय की बात है, काशी निवासी धनंजय की पत्नी सुलक्षणा थी। उसे सभी सुख प्राप्त थे, केवल निर्धनता ही उसके दुःख का एकमात्र कारण थी। यह दुःख उसे हर समय सताता रहता था। एक दिन सुलक्षणा ने अपने पति से कहा, “स्वामी! आप कुछ उद्यम करो तो काम…

आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने पूछा, “हे पुत्र! आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को गणेश जी की पूजा कैसे करनी चाहिए? आषाढ़ मास के गणपति देवता का क्या नाम है? उनके पूजन का क्या विधान है? कृपया आप मुझे बताइए।” गणेश जी ने कहा, “आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी के दिन कृष्णपिङ्गल नामक…

ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || सतयुग में एक पृथु नामक राजा हुए जिन्होंने सौ यज्ञ किए। उनके राज्य में दयादेव नामक एक विद्वान ब्राह्मण रहते थे, जिनके चार पुत्र थे। पिता ने वैदिक विधि से अपने पुत्रों का विवाह कर दिया। उन चार बहुओं में सबसे बड़ी बहू अपनी सास से कहने…

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || एक बार पार्वती जी ने गणेशजी से पूछा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकटा चतुर्थी का पूजन किस गणेश का और किस विधि से करना चाहिए, और उस दिन क्या भोजन करना चाहिए? गणेश जी ने उत्तर दिया – हे माता! वैशाख कृष्ण चतुर्थी के…

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा

|| श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा || दारूका एक प्रसिद्ध राक्षसी थी, जो देवी पार्वती से वरदान प्राप्त कर अहंकार में डूबी रहती थी। उसका पति दरुका महान बलशाली राक्षस था। उसने अनेक राक्षसों को अपने साथ मिलाकर समाज में आतंक फैला रखा था। वह यज्ञ और शुभ कर्मों को नष्ट करता और संत-महात्माओं…

गोपेश्वर महादेव की लीला कथा

|| गोपेश्वर महादेव की कथा || एक बार शरद पूर्णिमा की उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक रात बनाकर मन्मथ का मानमर्दन करने के लिए महारास किया था। जब महारास की गूंज सारी त्रिलोकी में फैल गई, तो हमारे भोले बाबा…

चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| चैत्र संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || प्राचीन काल में सतयुग में मकरध्वज नामक एक राजा थे। वे प्रजा के पालन में बहुत प्रेमी थे। उनके राज्य में कोई निर्धन नहीं था। चारों वर्ण अपने-अपने धर्मों का पालन करते थे। प्रजा को चोर-डाकू आदि का भय नहीं था। सभी लोग स्वस्थ रहते थे। लोग…

राजा नल दमयंती कथा

|| राजा नल दमयंती कथा || महाभारत महाकाव्य में एक प्रसंग के अनुसार, नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी। युधिष्ठिर को जुए में सब कुछ हारने के बाद अपने भाइयों के साथ 12 वर्षों का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास सहना पड़ा। वनवास के दौरान, धर्मराज युधिष्ठिर के आग्रह…

शिव जी व्रत कथा एवं पूजा विधि

।। सोमवार व्रत पूजा विधि ।। गाय के शुद्ध कच्चे दूध को शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। यह करने से मनुष्य के तन-मन-धन से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है। इसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाए। फिर कपूर, इत्र, पुष्प-धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक कर शिव आरती करना…

कोकिला व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| कोकिला व्रत की पूजा विधि || इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे। साथ ही इस दिन अपने दिन की शुरुआत सूर्य को अर्घ देने के साथ करें। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही शिवजी का दूध और गंगाजल के साथ अभिषेक…

चिरंजीव और आयुषमती की कथा

|| चिरंजीव और आयुषमती की कथा || चिरंजीव एक समय की बात है, एक ब्राह्मण के संतान नहीं थी। उसने महामाया की तपस्या की, और माता जी उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान देने को तैयार हो गईं। ब्राह्मण ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा जताई। माता जी ने कहा, “मेरे पास दो प्रकार के…

भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा

|| भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा || भगवान को जब अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है, तो वे नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत का बड़ा अभिमान था। तीनों देवियों के अभिमान को नष्ट करने तथा अपनी परम भक्तिनी पतिव्रता धर्मचारिणी अनसूया के…

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा

|| पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा || पुराणों में अधिकमास, जिसे मलमास भी कहा जाता है, के पुरुषोत्तम मास बनने की एक बेहद रोचक कथा है। इस कथा के अनुसार बारह महीनों के अलग-अलग स्वामी हैं, लेकिन स्वामीविहीन होने के कारण अधिकमास को मलमास कहा जाने लगा, जिससे उसकी निंदा होने लगी। इस बात से दु:खी…

राजा मुचुकुन्द की कथा

|| राजा मुचुकुन्द की कथा || त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए: अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने के कारण देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना सेनापति बनाया। युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद महाराज मुचुकुन्द ने विश्राम की इच्छा प्रकट की। देवताओं ने उन्हें…

पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा

|| पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा || भगवान को अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है और वे इसके लिए नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। एक बार, श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत पर बहुत अभिमान हो गया। यह अभिमान भंग करने और अपनी परम भक्त, पतिव्रता…

फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| फाल्गुन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || प्रत्येक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह व्रत माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान श्री गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के…

पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पौष मास में चतुर्थी का व्रत कर रहे व्रतधारियों को दोनों हाथों में पुष्प लेकर श्री गणेश जी का ध्यान तथा पूजन करने के पश्चात पौष गणेश चतुर्थी की यह कथा अवश्य ही पढ़ना अथवा सुनना चाहिए। संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश के दर्शन और…

सोम प्रदोष व्रत कथा

|| सोम प्रदोष व्रत कथा || जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है अतः इस दिन प्रदोष व्रत होने से उसकी महत्ता और भी अधिक बढ जाती है। एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का…

ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ

|| ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ವ್ರತ ಕಥಾ || ಏಕ ರಾಜ್ಯ ಮೇಂ ಏಕ ರಾಜಕುಮಾರೀ ಥೀ ಜೋ ಅಟಲಾ ತಡ್ಡೀ ನೋಮು ವ್ರತ ಕಾ ಪಾಲನ ಕರ ರಹೀ ಥೀ. ಇಸ ವ್ರತ ಮೇಂ, ಉಸೇ ಪೂರೇ ದಿನ ಉಪವಾಸ ರಖನಾ ಹೋತಾ ಥಾ ಔರ ಕೇವಲ ಚಾಁದ ದಿಖನೇ ಕೇ ಬಾದ ಹೀ ಭೋಜನ ಕರನಾ ಹೋತಾ ಥಾ. ಕುಛ ಘಂಟೋಂ ಕೇ ಉಪವಾಸ ಕೇ ಬಾದ, ರಾಜಕುಮಾರೀ ಬೇಹೋಶ ಹೋ ಗಈ ಕ್ಯೋಂಕಿ ಉಸೇ…

महेश नवमी व्रत कथा

|| महेश नवमी व्रत कथा || एक समय की बात है जब राजा खडगलसेन शासन कर रहे थे। उनके पास कोई संतान नहीं थी। वे पुत्रकामेष्टी यज्ञ करने के बाद पुत्र की प्राप्ति के लिए उत्सुक थे, जिससे उन्हें एक पुत्र सुजान बच्चा हुआ। ऋषियों ने उन्हें चेतावनी दी कि उनके पुत्र को 20 वर्ष…

అటలా తడ్డీ వ్రత కథా

|| అటలా తడ్డీ వ్రత కథా || ఏక రాజ్య మేం ఏక రాజకుమారీ థీ జో అటలా తడ్డీ నోము వ్రత కా పాలన కర రహీ థీ. ఇస వ్రత మేం, ఉసే పూరే దిన ఉపవాస రఖనా హోతా థా ఔర కేవల చాఀద దిఖనే కే బాద హీ భోజన కరనా హోతా థా. కుఛ ఘంటోం కే ఉపవాస కే బాద, రాజకుమారీ బేహోశ హో గఈ క్యోంకి ఉసే…