श्री पद्म प्रभु आरती

।। आरती ।।

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ।
जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ।

तुम बिन कौन जगत में मेरा २, पार करों देवा २
जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ॥

तुम बिन कौन जगत में मेरा…

तुम हो अगम अगोचर स्वामी हम हैं अज्ञानी २।
अपरम्पार तुम्हारी महिमा, काहू ना जानी २ ॥

तुम बिन कौन जगत में मेरा…

विघ्न निवारो संकट टारो, हम आये शरणा २ ।
कुमति हटा सुमति दीज्यो, कर जोड़ पड़े चरणा २॥

तुम बिन कौन जगत में मेरा…

पाँव पड़े को पार लगाया सुख सम्पति दाता २ ।
श्रीपाल का कष्ट हटाकर, सुवर्ण तन कीना २॥

तुम बिन कौन जगत में मेरा…

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