|| आरती ||
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
ज्ञान की वीणा बजाएं, सुर नारद मुनि,
भक्ति भाव से भरे, प्रेम की धूनी।
विना वदना धारा चरण कमला,
ध्यान लगाए भक्ति में प्यारा।
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
नारायण नारायण, नारद मुनि की महिमा अप्राम्पर,
भक्ति भाव से जिसे छू जाए, मिल जाए परम धाम।
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
आरती की धूप, ज्योति तुम्हारी,
भक्ति भाव से भरपूर हमारी।
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
|| इति श्री नारद मुनि देव आरती ||
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