श्री अरहनाथ आरती

।। आरती ।। जय अरहनाथ देवा, स्वामी अरहनाथ देवा आरती तेरी आरत हारी, आरती तेरी आरत हारी करे करम छेवा, जय अरहनाथ देवा। जय अरहनाथ देवा… हस्तिनापुर में जन्म लियो है, जन जन सुखकारी स्वामी जन-जन सुखकारी, राय सुदर्शन मित्रा आंगन राय सुदर्शन मित्रा आंगन, रत्नवृष्टि भारी जय अरहनाथ देवा… त्रि पद धारी तुम त्रिपुरारी,…

श्री भरत भगवान आरती

।। आरती ।। जय जय श्री भरतजिन, तुम हो तारण तरन ॥ भविजन प्यारे, इन्द्र धरणेन्द्र स्तुति धर तुम्हारे।। प्रभु तुम सर्वार्थसिद्धि से आये। माता सुनंदा के प्रिय सुत कहाये ॥ आदि नृप के नन्दन, तुमको शत शत वंदन, हों हमारे ।। इन्द्र धरणेन्द्र स्तुति धर तुम्हारे.. कर्मयुग में हुए तुम विधाता । लोकहित मार्ग…

श्री बाहुबली आरती

।। आरती ।। जय जय श्री बाहुजिन, तुम हो तारण तरन ॥ भविजन प्यारे, इन्द्र धरणेन्द्र स्तुति धर तुम्हारे।। प्रभु तुम सर्वार्थसिद्धि से आये। माता सुनंदा के प्रिय सुत कहाये ॥ आदि नृप के नन्दन, तुमको शत शत वंदन, हों हमारे ।। इन्द्र धरणेन्द्र स्तुति धर तुम्हारे.. कर्मयुग में हुए तुम विधाता । लोकहित मार्ग…

श्री कुंथुनाथ आरती

॥ आरती ॥ श्री कुंथुनाथ प्रभु की, हम आरति करते हैं आरति करके जनम-जनम के पाप विनशते हैं सांसारिक सुख के संग आत्मिक सुख भी मिलते हैं श्री कुंथुनाथ प्रभु की, हम आरति करते हैं॥ श्री कुंथुनाथ प्रभु की, हम आरति करते हैं जब गर्भ में प्रभु तुम आए-हां आए, पितु सूरसेन श्रीकांता माँ हरषाए।…

श्री चन्द्रप्रभु आरती

॥ आरती ॥ जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभु देवा । तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी, तुम हो विघ्न विनाशक पार करो देवा, स्वामी पार करो देवा॥ जय चंद्रप्रभु देवा… मात सुलक्षणा पिता तुम्हारे महासेन देवा २। चन्द्र पूरी में जनम लियो हैं स्वामी देवों के देवा २॥ तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो…

श्री वासुपूज्य आरती

।। आरती ।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी। पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी… चंपापुर नगरी भी स्वामी, धन्य हुई तुमसे। जयरामा वसुपूज्य तुम्हारे स्वामी, मात पिता हरषे ।। ॐ जय वासुपूज्य स्वामी… बालब्रह्मचारी बन स्वामी, महाव्रत को धारा। प्रथम बालयति जग ने स्वामी, तुमको स्वीकारा ।। ॐ…

श्री मुनिसुव्रतनाथ आरती

|| आरती || ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी भक्ति भाव से प्रणमूँ तुमको, जय अंतरयामी|| ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी… राजगृही में जन्म लिया प्रभु, आनंद भयो भारी सुर-नर-मुनि गुण गायें तिहारी, आरती कर थारी|| ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी… पिता तुम्हारे सुमित्र राजा, श्यामा के जाया श्यामवर्ण मूरत है तेरी, पैठन में अतिशय…

श्री धर्मनाथ आरती

।। आरती ।। आरती कीजे प्रभु धर्मनाथ की, संकट मोचन जिन नाथ की। माघ सुदी का दिन था उत्तम, सुभद्रा घर जन्म लिया प्रभु। राजा भानु अति हर्षाये, इन्द्रो ने रत्न बरसाये। आरती कीजे प्रभु धर्मनाथ की, संकट मोचन जिन नाथ की। युवावस्था में प्रभु आये, राज काज में मन न लगाये। झूठा सब संसार…

श्री सम्भवनाथ आरती

।। आरती ।। आरती सम्भवनाथ तुम्हारी, हम सब गाये महिमा तिहारी। चौदह वर्ष तपस्या ठानी, कर्मजयी तुम केवल ज्ञानी। शीश झुकाते भक्त पुजारी, आरती सम्भवनाथ तुम्हारी। हम सब गाये महिमा तिहारी… तुमने आत्मज्योति प्रकटाई, कर्म शत्रुओ पर जय पाई। संकटहारी शिव भर्तारी, आरती सम्भवनाथ तुम्हारी। हम सब गाये महिमा तिहारी… राजपाट क्षण भर में छोड़ा,…

श्री सिद्धचक्र आरती

|| आरती || जय सिद्धचक्र देवा, जय सिद्धचक्र देवा| करत तुम्हारी निश-दिन, मन से सुर-नर-मुनि सेवा| जय सिद्धचक्र देवा| ज्ञानावरणी दर्शनावरणी मोह अंतराया, नाम गोत्र वेदनीय आयु को नाशि मोक्ष पाया| जय सिद्धचक्र देवा || ज्ञान-अनंत अनंत-दर्श-सुख बल-अनंतधारी, अव्याबाध अमूर्ति अगुरुलघु अवगाहनधारी| जय सिद्धचक्र देवा || तुम अशरीर शुद्ध चिन्मूरति स्वात्मरस-भोगी, तुम्हें जपें आचार्योपाध्याय सर्व-साधु…

श्री आदिनाथ आरती

।। आरती ।। ॐ जय आदिनाथ देवा, स्वामी जय आदिनाथ देवा। तुम हो विघ्न विनाशक, तुम हो विघ्न विनाशक। पार करो खेवा। ॐ जय आदिनाथ देवा… नाभिराय जी पिता तुम्हारे, माता मरुदेवी। स्वामी माता मरुदेवी। रूप तुम्हारा महा मनोहर, रूप तुम्हारा महा मनोहर। सेव करें देवी। ॐ जय आदिनाथ देवा… नीलांजना के देख निधन को,…

श्री पद्म प्रभु आरती

।। आरती ।। जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । तुम बिन कौन जगत में मेरा २, पार करों देवा २ जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ॥ तुम बिन कौन जगत में मेरा… तुम हो अगम अगोचर स्वामी हम हैं अज्ञानी २। अपरम्पार तुम्हारी…

श्री कृष्णाष्टकम्

॥ श्री कृष्णाष्टकम् ॥ वसुदेव सुतं देवंकंस चाणूर मर्दनम्। देवकी परमानन्दंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ अतसी पुष्प सङ्काशम्हार नूपुर शोभितम्। रत्न कङ्कण केयूरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ कुटिलालक संयुक्तंपूर्णचन्द्र निभाननम्। विलसत् कुण्डलधरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ मन्दार गन्ध संयुक्तंचारुहासं चतुर्भुजम्। बर्हि पिञ्छाव चूडाङ्गंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षंनील जीमूत सन्निभम्। यादवानां शिरोरत्नंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ रुक्मिणी केलि संयुक्तंपीताम्बर सुशोभितम्। अवाप्त तुलसी गन्धंकृष्णं वन्दे…

Shri Krishnashtakam

॥ Shri Krishnashtakam ॥ Vasudeva Sutam Devam Kansa Chanura Mardanam। Devaki Paramanandam Krishnam Vande Jagadgurum॥ Atasi Pushpa Sankasham Hara Nupura Shobhitam। Ratna Kankana Keyuram Krishnam Vande Jagadgurum॥ Kutilalaka Samyuktam Purnachandra Nibhananam। Vilasat Kundaladharam Krishnam Vande Jagadgurum॥ Mandara Gandha Samyuktam Charuhasam Chaturbhujam। Barhi Pinchhava Chudangam Krishnam Vande Jagadgurum॥ Utphulla Padmapatraksham Nila Jimuta Sannibham। Yadavanam Shiroratnam Krishnam…

श्री अच्युताष्टकम्

॥ अच्युताष्टकम् ॥ अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम्। श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचन्द्रं भजे॥ अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम्। इंदिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं देवकीनन्दनं नन्दजं संदधे॥ विष्णवे जिष्णवे शङ्खिने चक्रिणे रूक्मिणीरागिणे जानकीजानये। वल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने कंसविध्वंसिने वंशिने ते नम:॥ कृष्ण गोविन्दहे राम नारायण श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे। अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक॥ राक्षसक्षोभित: सीतया शोभितो दण्डकारण्यभूपुण्यताकारण:। लक्ष्मणेनान्वितो…

Shri Achyutashtakam

॥ Achyutashtakam ॥ Achyutam Keshavam Ramanarayanam Krishnadamodaram Vasudevam Harim। Shridharam Madhavam Gopikavallabham Janakinayakam Ramachandram Bhaje॥ Achyutam Keshavam Satyabhamadhavam Madhavam Shridharam Radhikaradhitam। Indiramandiram Chetasa Sundaram Devakinandanam Nandajam Sandadhe॥ Vishnave Jishnave Shankhine Chakrine Rukminiragine Janakijanaye। Vallavivallabhayarchitayatmane Kansavidhvansine Vanshine Te Namah॥ Krishna Govindahe Rama Narayana Shripate Vasudevajita Shrinidhe। Achyutananta He Madhavadhokshaja Dvarakanayaka Draupadirakshaka॥ Rakshasakshobhitah Sitaya Shobhito Dandakaranyabhupunyatakaranah। Lakshmanenanvito…

Shankaracharya Krit Shivashtakam

॥ Shivashtakam ॥ Tasmai Namah Paramakaranakaranaya Diptojjvalajjvalitapingalalochanaya। Nagendraharakritakundalabhushanaya Brahmendravishnuvaradaya Namah Shivaya॥ Shrimatprasannashashipannagabhushanaya Shailendrajavadana-chumbitalochanaya। Kailasamandaramahendraniketanaya Lokatrayartiharanaya Namah Shivaya॥ Padmavadatamanikundalagovrishaya Krishnagaruprachurachandanacharchitaya। Bhasmanusha-ktavikachotpalamallikaya Nilabjakanthasadrishaya Namah Shivaya॥ Lambatsapingalajatamukutotkataya Danshtrakaralavikatotkatabhairavaya। Vyaghrajinambaradharaya Manoharaya Trailokyanathanamitaya Namah Shivaya॥ Dakshaprajapatimaha-makhanashanaya Kshipram Mahatripuradanavaghatanaya। Brahmorjitordhvagakarotinikrintanaya Yogaya Yoganamitaya Namah Shivaya॥ Sansarasrishti-ghatanaparivartanaya Rakshah Pishachagana-siddhasamakulaya। Siddhoragagrahaganendranishevitaya Shardulacharmavasanaya Namah Shivaya॥ Bhasmangaragakri-tarupamanoharaya Saumyavadatavanamashritamashritaya। Gaurikatakshanayanardhanirikshanaya Gokshiradharadhavalaya Namah Shivaya॥ Adityasomavarunanilasevitaya Yagyagnihotravaradhumaniketanaya। Riksamavedamunibhih Stutisanyutaya…

शंकराचार्य कृत शिवाष्टकम

॥ शिवाष्टकम् ॥ तस्मै नमः परमकारणकारणाय दीप्तोज्ज्वलज्ज्वलितपिङ्गललोचनाय। नागेन्द्रहारकृतकुण्डलभूषणाय ब्रह्मेन्द्रविष्णुवरदाय नमः शिवाय॥ श्रीमत्प्रसन्नशशिपन्नगभूषणाय शैलेन्द्रजावदनचुम्बितलोचनाय। कैलासमन्दरमहेन्द्रनिकेतनाय लोकत्रयार्तिहरणाय नमः शिवाय॥ पद्मावदातमणिकुण्डलगोवृषाय कृष्णागरुप्रचुरचन्दनचर्चिताय। भस्मानुषक्तविकचोत्पलमल्लिकाय नीलाब्जकण्ठसदृशाय नमः शिवाय॥ लम्बत्सपिङ्गलजटामुकुटोत्कटाय दंष्ट्राकरालविकटोत्कटभैरवाय। व्याघ्राजिनाम्बरधराय मनोहराय त्रैलोक्यनाथनमिताय नमः शिवाय॥ दक्षप्रजापतिमहामखनाशनाय क्षिप्रं महात्रिपुरदानवघातनाय। ब्रह्मोर्जितोर्ध्वगकरोटिनिकृन्तनाय योगाय योगनमिताय नमः शिवाय॥ संसारसृष्टिघटनापरिवर्तनाय रक्षः पिशाचगणसिद्धसमाकुलाय। सिद्धोरगग्रहगणेन्द्रनिषेविताय शार्दूलचर्मवसनाय नमः शिवाय॥ भस्माङ्गरागकृतरूपमनोहराय सौम्यावदातवनमाश्रितमाश्रिताय। गौरीकटाक्षनयनार्धनिरीक्षणाय गोक्षीरधारधवलाय नमः शिवाय॥ आदित्यसोमवरुणानिलसेविताय यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय। ऋक्सामवेदमुनिभिः स्तुतिसंयुताय…

Shri Shivashtakam

॥ Shri Shivashtakam ॥ Prabhum Prananatham Vibhum Vishvanatham Jagannatha Natham Sadananda Bhajam। Bhavadbhavya Bhuteshwaram Bhutanatham, Shivam Shankaram Shambhu Mishanamide॥ Gale Rundamalam Tanau Sarpajalam Mahakala Kalam Ganeshadi Palam। Jatajuta Gangottarangai Rvishalam, Shivam Shankaram Shambhu Mishanamide॥ Mudamakaram Mandanam Mandayantam Maha Mandalam Bhasma Bhushadharam Tam। Anadim Hyaparam Maha Mohamaram, Shivam Shankaram Shambhu Mishanamide॥ Vatadho Nivasam Mahattattahasam Mahapapa Nasham…

श्री विश्वनाथ अष्टकम्

॥ श्री विश्वनाथाष्टकम् ॥ गङ्गातरङ्गरमणीयजटाकलापं गौरीनिरन्तरविभूषितवामभागम् नारायणप्रियमनङ्गमदापहारं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ वाचामगोचरमनेकगुणस्वरूपं वागीशविष्णुसुरसेवितपादपीठम्। वामेन विग्रहवरेण कलत्रवन्तं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ भूताधिपं भुजगभूषणभूषिताङ्गं व्याघ्राजिनाम्बरधरं जटिलं त्रिनेत्रम्। पाशाङ्कुशाभयवरप्रदशूलपाणिं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ शीतांशुशोभितकिरीटविराजमानं भालेक्षणानलविशोषितपञ्चबाणम्। नागाधिपारचितभासुरकर्णपूरं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ पञ्चाननं दुरितमत्तमतङ्गजा नांनागान्तकं दनुजपुङ्गवपन्नगानाम्। दावानलं मरणशोकजराटवीनां वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ तेजोमयं सगुणनिर्गुणमद्वितीय- मानन्दकन्दमपराजितमप्रमेयम्। नागात्मकं सकलनिष्कलमात्मरूपं वाराणसीपुरपतिं भज विश्वनाथम्॥ रागादिदोषरहितं स्वजनानुरागं वैराग्यशान्तिनिलयं गिरिजासहायम् माधुर्यधैर्यसुभगं…

Shri Vishvanath Ashtakam

॥ Shri Vishvanath Ashtakam ॥ Gangatarangara-maniya-jatakalapam Gaurinirantaravi-bhushitavamabhagam Narayana-priyamana-ngamadapaharam Varanasipurapatim Bhaja Vishvanatham॥ Vachamagocharamane-kagunasvarupam Vagisha-vishnu-surasevita-padapitham। Vamena Vigrahavarena Kalatravantam Varanasipurapatim Bhaja Vishvanatham॥ Bhutadhipam Bhujagabhushanabhushitangam Vyaghrajinambaradharam Jatilam Trinetram Pashankushabhayavara-pradashulapanim Varanasipurapatim Bhaja Vishvanatham॥ Shitanshushobhita-kiritavirajamanam Bhalekshananala-vishoshitapanchabanam। Nagadhiparachita-bhasurakarnapuram Varanasipurapatim Bhaja Vishvanatham॥ Panchananam Duritamattamatangajanam Nagantakam Danujapungavapannaganam। Davanalam Maranashokajaratavinam Varanasipurapatim Bhaja Vishvanatham॥ Tejomayam Sagunanirgunamadvitiya- manandakanda-maparajitamaprameyam। Nagatmakam Sakalanishkalama-tmarupam Varanasipurapatim Bhaja Vishvanatham॥ Ragadidosharahitam Svajananuragam Vairagyashantinilayam Girijasahayam।…

श्री गौरीशाष्टकम

॥ श्री गौरीशाष्टकम ॥ भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते। जलभवदुस्तरजलधिसुतरणंध्येयं चित्ते शिवहरचरणम्। अन्योपायं न हि न हि सत्यंगेयं शङ्कर शङ्कर नित्यम्। भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥ दारापत्यं क्षेत्रं वित्तंदेहं गेहं सर्वमनित्यम्। इति परिभावय सर्वमसारंगर्भविकृत्या स्वप्नविचारम्। भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं भज मन्दमते॥ मलवैचित्ये पुनरावृत्ति:पुनरपि जननीजठरोत्पत्ति:। पुनरप्याशाकुलितं जठरं किंनहि मुञ्चसि कथयेश्चित्तम्। भज गौरीशं भज गौरीशंगौरीशं…

Shri Gaurishashtakam

॥ Shri Gaurishashtakam ॥ Bhaja Gaurisham Bhaja Gaurisham Gaurisham Bhaja Mandamte। Jalabhavadustara-jaladhisutaranam Dhyeyam Chitte Shivaharacharanam। Anyopayam Na Hi Na Hi Satyam Gayam Shankara Shankara Nityam। Bhaja Gaurisham Bhaja Gaurisham Gaurisham Bhaja Mandamate॥ Darapatyam Kshetram Vittam Deham Geham Sarvamanityam। Iti Parbhavaya Sarvamasaram Garbhavikritya Svapnavicharam। Bhaja Gaurisham Bhaja Gaurisham Gaurisham Bhaja Mandamte॥ Malavaichitye Punaravrittih Punarapi Janani-jatharotpattih। Punarapyashakulitam…

Shri Shiv Ramashtakam

॥ Shri Shiv Ramashtakam ॥ Shivahare Shivarama Sakhe Prabho, Trividhatapa-nivarana He Vibho। Aja Janeshvara Yadava Pahi Mam, Shiva Hare Vijayam Kuru Me Varam॥ Kamala Lochana Rama Dayanidhe, Hara Guro Gajarakshaka Gopate। Shivatano Bhava Shankara Pahimam, Shiva Hare Vijayam Kuru Me Varam॥ Svajanaranjana Mangalamandira, Bhajati Tam Purusham Param Padam। Bhavati Tasya Sukham Paramadbhutam, Shiva Hare Vijayam…

श्री शिव रामाष्टकम

॥ श्री शिव रामाष्टकम् ॥ शिवहरे शिवराम सखे प्रभो, त्रिविधताप-निवारण हे विभो। अज जनेश्वर यादव पाहि मां, शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ कमल लोचन राम दयानिधे, हर गुरो गजरक्षक गोपते। शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां, शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥ स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर, भजति तं पुरुषं परं पदम्। भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं, शिवहरे विजयं कुरू…

श्री कमलापत्यष्टकम्

॥ श्री कमलापत्यष्टकम् ॥ भुजगतल्पगतं घनसुन्दरं गरुडवाहनमम्बुजलोचनम्। नलिनचक्रगदाकरमव्ययं भजत रे मनुजाः कमलापतिम्॥ अलिकुलासितकोमलकुन्तलं विमलपीतदुकूलमनोहरम्। जलधिजाङ्कितवामकलेवरं भजत रे मनुजाः कमलापतिम्॥ किमु जपैश्च तपोभिरुताध्वरैरपि किमुत्तमतीर्थनिषेवणैः। किमुत शास्त्रकदम्बविलोकनैर्भजत रे मनुजाः कमलापतिम्॥ मनुजदेहमिमं भुवि दुर्लभं समधिगम्य सुरैरपि वाञ्छितम्। विषयलम्पटतामपहाय वै भजत रे मनुजाः कमलापतिम्॥ न वनिता न सुतो न सहोदरो न हि पिता जननी न च बान्धवः। व्रजति साकमनेन…

Shri Kamalapati Ashtakam

॥ Shri Kamalapatyashtakam ॥ Bhujagatalpagatam Ghansundaram Garudavahanambujlochanam। Nalinchakragadakaramvyayam Bhajata Re Manujah Kamalapatim॥ Alikulasitkomalkuntalam Vimalpitadukulamnoharam। Jaldhijankitavamakalevaram Bhajata Re Manujah Kamalapatim॥ Kimu Japaishcha Tapobhirutadhvaraimrapi Kimuttamatheerthanishevanaih। Kimuta Shastrakadambavilokanairbhajata Re Manujah Kamalapatim॥ Manujdehamim Bhuvi Rarelam Samadhigamya Surairpi Vanchitam। Vishayalampatatamapahaya Vaim Bhajata Re Manujah Kamalapatim॥ Na Vanita Na Suto Na Sahodaro Na Hi Pita Janani Na Cha Bandhavah। Vrajati Sakamenen…

श्री नारायणाष्टकम्

॥ श्री नारायणाष्टकम् ॥ वात्सल्यादभयप्रदान-समयादार्तिनिर्वापणा- दौदार्यादघशोषणाद-गणितश्रेयःपदप्रापणात्। सेव्यः श्रीपतिरेक एवजगतामेतेऽभवन्साक्षिणः प्रह्लादश्च विभीषणश्चकरिराट् पाञ्चाल्यहल्या ध्रुवः॥ प्रह्लादास्ति यदीश्वरो वदहरिः सर्वत्र मे दर्शय स्तम्भे चैवमितिब्रुवन्तमसुरं तत्राविरासीद्धरिः। वक्षस्तस्य विदारयन्निजन-खैर्वात्सल्यमापाद- यन्नार्तत्राणपरायणः सभगवान्नारायणो मे गतिः॥ श्रीरामात्र विभीषणोऽयमनघोरक्षोभयादागतः सुग्रीवानय पालयैनमधुनापौलस्त्यमेवागतम्। इत्युक्त्वाभयमस्यसर्वविदितं यो राघवो दत्तवानार्तत्राणपरायणः सभगवान्नारायणो मे गतिः॥ नक्रग्रस्तपदं समुद्धतकरंब्रह्मादयो भो सुराः पाल्यन्तामिति दीनवाक्यकरिणंदेवेष्वशक्तेषु यः। मा भैषीरिति यस्यनक्रहनने चक्रायुधः श्रीधर। आर्तत्राणपरायणः सभगवान्नारायणो मे गतिः॥…

Shri Narayan Ashtakam

॥ Shri Narayanashtakam ॥ Vatsalyadabhayapradana- samayadatinirvapana- Daudaryadghoshanada- ganitshreyah Padaprapanat। Sevyah Sripatirek Eva Jagatamete Bhavansakshinah Prahladashcha Vibhishanshch Karirat Panchalyahalya Dhruvah॥ Prahladasti Yadishvaro Vada Harih Sarvatra Mein Darshya Stambha Chaimvamiti Bruvantamasuram Tatravirasiddharih। Vakshastasya Vidarayannijana Khairvatsyalyamapada- yanartatranparayanah Sa Bhagawannarayano Me Gatih॥ Shriramatra Vibhishanoyamangho Rakshobhyayadagatha Sugrivanaya Palayainmadhuna Paulastyamevagatam। ItyuktvabhayamsyaSarvavidtam Yo Raghavo Dattavanartatranparayanah Sa Bhagawannarayano Me Gatih॥ Nakgratapadam Samuddhatkaram Brahmadayo…

श्री दीनबन्ध्वष्टकम्

॥ श्री दीनबन्ध्वष्टकम् ॥ यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यं यस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले। यत्रोपयाति विलयं च समस्तमन्ते दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥ चक्रं सहस्रकरचारु करारविन्दे गुर्वी गदा दरवरश्च विभाति यस्य। पक्षीन्द्रपृष्ठपरिरोपितपादपद्मो। दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥ येनोद्धृता वसुमती सलिले निमग्ना नग्ना च पाण्डववधूः स्थगिता दुकूलैः। संमोचितो जलचरस्य मुखाद्गजेन्द्रो। दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥ यस्यार्द्रदृष्टिवशतस्तु सुराः समृद्धिं कोपेक्षणेन दनुजा विलयं व्रजन्ति।…

Shri Dinbandhu Ashtakam

॥ Shri Dinbandhuashtakam ॥ Yasmadidam Jagadudeti Chaturmukhaadyam Yasminnavasthitama sheshamasheshamule। Yatropayati Vilayam Cha Samsamante Driggocharo Bhavatu Medya Sa Dinbandhuh॥ Chakram Sahasrakaracharu Kararavinde Gurvi Gada Daravarashcha Vibhati Yasya। Pakshindraprishtha pariropitapadpadmo। Driggocharo Bhavatu Medya Sa Dinbandhuh॥ Yenoddhrita Vasumati Salile Nimagna Nagna Cha Pandavavadhuh Sthagita Dukulaih। Sammochito Jalcharasya Mukhadgajendro। Driggocharo Bhavatu Medya Sa Dinbandhuh॥ Yasyadradrishtivasattu Surah Samridhi Kopekhneen Danuja…

श्री हरि शरणाष्टकम्

॥ श्री हरि शरणाष्टकम् ॥ ध्येयं वदन्ति शिवमेव हि केचिदन्ये शक्तिं गणेशमपरे तु दिवाकरं वै। रूपैस्तु तैरपि विभासि यतस्त्वमेव तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥ नो सोदरो न जनको जननी न जाया नैवात्मजो न च कुलं विपुलं बलं वा। संदृष्यते न किल कोऽपि सहायको मे तस्मात्त्वमेव शरणं मम दीनबन्धो॥ नोपासिता मदमपास्य मया महान्तस्तीर्थानि चास्तिकधिया न हि सेवितानि।…

Shri Hari Sharanashtakam

॥ Shri Hari Sharanashtakam ॥ Dhyeyam Vadanti Shivameva Hi Kechidanye Shaktim Ganeshamapare Tu Divakaram Vai। Rupaistu Tairapi Vibhasi Yatastvameva Tasmattvameva Sharanam Mama Dinabandho॥ No Sodaro Na Janako Janani Na Jaya Naivatmajo Na Cha Kulam Vipulam Balam Va। Sandrishyate Na Kila Koapi Sahayako Me Tasmattvameva Sharanam Mama Dinabandho॥ Nopasita Madamapasya Maya Mahantastirthani Chastikadhiya Na Hi Sevitani।…

श्री सूर्य मण्डलाष्टकम्

॥ श्री सूर्य मण्डलाष्टकम् ॥ नमः सवित्रे जगदेकचक्षुषे जगत्प्रसूतिस्थितिनाशहेतवे। त्रयीमयाय त्रिगुणात्मधारिणे विरञ्चिनारायणशङ्करात्मने॥ यन्मण्डलं दीप्तिकरं विशालं रत्नप्रभं तीव्रमनादिरूपम्। दारिद्र्यदुःखक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥ यन्मण्डलं देवगणैः सुपूजितं विप्रैः स्तुतं भावनमुक्तिकोविदम्। तं देवदेवं प्रणमामि सूर्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥ यन्मण्डलं ज्ञानघनं त्वगम्यंत्रै लोक्यपूज्यं त्रिगुणात्मरूपम्। समस्ततेजोमयदिव्यरूपं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥ यन्मण्डलं गूढमतिप्रबोधं धर्मस्य वृद्धिं कुरुते जनानाम्। यत्सर्वपापक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम्॥…

Shri Surya Mandal Ashtakam

॥ Shri Surya Mandalashtakam ॥ Namah Savitre Jagadekachakshushe Jagatprasutisthitinashahetave। Trayimayaya Trigunatmadharine Viranchi-narayana-shankaratmane॥ Yanmandalam Diptikaram Vishalam Ratnaprabham Tivramanadirupam। Daridryaduhkha-kshayakaranam Cha Punatu Mam Tatsaviturvarenyam॥ Yanmandalam Devaganaih Supujitam Vipraih Stutam Bhavanamuktikovidam। Tam Devadevam Pranamami Suryam Punatu Mam Tatsaviturvarenyam॥ Yanmandalam Gyanaghanam Tvagamyam Trailokyapujyam Trigunatmarupam। Samastatejomayadivyarupam Punatu Mam Tatsaviturvarenyam॥ Yanmandalam Gudhamatiprabodham Dharmasya Vriddhim Kurute Jananam। Yatsarvapapakshayakarnam Cha Punatu Mam Tatsaviturvarenyam॥…

श्री गंगा अष्टकम्

॥ श्री गङ्गाष्टकम् ॥ भगवति तव तीरे नीरमात्राशनोऽहं विगतविषयतृष्णः कृष्णमाराधयामि। सकलकलुषभङ्गे स्वर्गसोपानसङ्गे तरलतरतरङ्गे देवि गङ्गे प्रसीद॥ भगवति भवलीलामौलिमाले तवाम्भः कणमणुपरिमाणं प्राणिनो ये स्पृशन्ति। अमरनगरनारीचामरग्राहिणीनां विगतकलिकलङ्कातङ्कमङ्के लुठन्ति॥ ब्रह्माण्डं खण्डयन्ती हरशिरसि जटावल्लिमुल्लासयन्ती स्वर्लोकादापतन्ती कनकगिरिगुहागण्डशैलात्स्खलन्ती। क्षोणीपृष्ठे लुठन्ती दुरितचयचमूनिर्भरं भर्त्सयन्ती पाथोधिं पुरयन्ती सुरनगरसरित्पावनी नः पुनातु॥ मज्जन्मातङ्गकुम्भच्युतमदमदिरामोदमत्तालिजालं स्नानैः सिद्धाङ्गनानां कुचयुगविगलत्कुङ्कुमासङ्गपिङ्गम्। सायंप्रातर्मुनीनां कुशकुसुमचयैश्छन्नतीरस्थनीरं पायान्नो गाङ्गमम्भः करिकलभकराक्रान्तरंहस्तरङ्गम्॥ आदावादिपितामहस्य नियमव्यापारपात्रे जलं पश्चात्पन्नगशायिनो भगवतः…

Shri Ganga Ashtakam

॥ Shri Ganga Ashtakam ॥ Bhagavati Tava Tire Niramatrashanoaham Vigatavishayatrishnah Krishnamaradhayami। Sakalakalushabhange Svargasopanasange Taralataratarange Devi Gange Prasida॥ Bhagavati Bhavalila maulimale Tavambhah Kanamanuparimanam Pranino Ye Sprishanti। Amaranagara- narichamaragrahininam Vigatakalikalankatankamanke Luthanti॥ Brahmandam Khandayanti Harashirasi Jatavallimullasayanti Swarlokadapatanti Kanakagiriguhaganda- shailatskhalanti। Kshoniprishthe Luthanti Duritachayachamunirbharam Bhartsayanti Pathodhim Purayanti Suranagarasaritpavani Nah Punatu॥ Majjanmatanga-kumbhachyutamadama- diramodamattalijalam Snanaiah Siddhangananam Kuchayugavigalatkunkumasangapingam। Sayampratarmuninam Kushakusumachayaish- chhannatirasthaniram Payanno Gangamambhah…

श्री भवान्यष्टकम्

॥ श्री भवान्यष्टकम् ॥ न तातो न माता न बन्धुर्न दाता न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता। न जाया न विद्या न वृत्तिर्ममैव गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥ भवाब्धावपारे महादुःखभीरुः पपात प्रकामी प्रलोभी प्रमत्तः। कुसंसारपाशप्रबद्धः सदाहं गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि॥ न जानामि दानं न च ध्यानयोगं न जानामि तन्त्रं न च स्तोत्रमन्त्रम्। न जानामि…

Shri Bhavanyashtakam

॥ Shri Bhavanyashtakam ॥ Na Tato Na Mata Na Bandhurna Data Na Putro Na Putri Na Bhrityo Na Bharta। Na Jaya Na Vidya Na Vrittirmamaiva Gatistvam Gatistvam Tvameka Bhavani॥ Bhavabdhavapare Mahaduhkhabhiruh Papata Prakami Pralobhi Pramattah। Kusansarapashaprabaddhah Sadaham Gatistvam Gatistvam Tvameka Bhavani॥ Na Janami Danam Na Cha Dhyanayogam Na Janami Tantram Na Cha Stotramantram। Na Janami…

श्री रामाष्टकम्

॥ श्री रामाष्टकम् ॥ कृतार्तदेववन्दनंदिनेशवंशनन्दनम्। सुशोभिभालचन्दनंनमामि राममीश्वरम्॥ मुनीन्द्रयज्ञकारकंशिलाविपत्तिहारकम्। महाधनुर्विदारकंनमामि राममीश्वरम्॥ स्वतातवाक्यकारिणंतपोवने विहारिणम्। करे सुचापधारिणंनमामि राममीश्वरम्॥ कुरङ्गमुक्तसायकंजटायुमोक्षदायकम्। प्रविद्धकीशनायकंनमामि राममीश्वरम्॥ प्लवङ्गसङ्गसम्मतिंनिबद्धनिम्नगापतिम्। दशास्यवंशसङ्क्षतिंनमामि राममीश्वरम्॥ विदीनदेवहर्षणंकपीप्सितार्थवर्षणम्। स्वबन्धुशोककर्षणंनमामि राममीश्वरम्॥ गतारिराज्यरक्षणंप्रजाजनार्तिभक्षणम्। कृतास्तमोहलक्षणंनमामि राममीश्वरम्॥ हृताखिलाचलाभरंस्वधामनीतनागरम्। जगत्तमोदिवाकरंनमामि राममीश्वरम्॥ इदं समाहितात्मनानरो रघूत्तमाष्टकम्। पठन्निरन्तरं भयंभवोद्भवं न विन्दते॥ ॥ इति श्री रामाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

श्री रामचन्द्राष्टकम्

॥ श्री रामचन्द्राष्टकम् ॥ चिदाकारो धातापरमसुखदः पावन- तनुर्मुनीन्द्रैर्यो-गीन्द्रैर्यतिपतिसुरेन्द्रैर्हनुमता। सदा सेव्यः पूर्णोजनकतनयाङ्गः सुरगुरू रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥ मुकुन्दो गोविन्दोजनकतनयालालितपदः पदं प्राप्तायस्याधमकुलभवा चापि शबरी। गिरातीतोऽगम्योविमलधिषणैर्वेदवचसा रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥ धराधीशोऽधीशःसुरनरवराणां रघुपतिः किरीटी केयूरीकनककपिशः शोभितवपुः। समासीनः पीठेरविशतनिभे शान्तमनसो रमानाथो रामो रमतुमम चित्ते तु सततम्॥ वरेण्यः शारण्यःकपिपतिसखश्चान्तविधुरो ललाटे काश्मीरोरुचिरगतिभङ्गः शशिमुखः। नराकारो रामोयतिपतिनुतः संसृतिहरो रमानाथो रामो…

श्री राम प्रेमाष्टकम्

॥ श्री रामप्रेमाष्टकम् ॥ श्यामाम्बुदाभमरविन्दविशालनेत्रं बन्धूकपुष्पसदृशाधरपाणिपादम्। सीतासहायमुदितं धृतचापबाणं रामं नमामि शिरसा रमणीयवेषम्॥ पटुजलधरधीरध्वानमादाय चापं पवनदमनमेकं बाणमाकृष्य तूणात्। अभयवचनदायी सानुजः सर्वतो मे रणहतदनुजेन्द्रो रामचन्द्रः सहायः॥ दशरथकुलदीपोऽमेयबाहुप्रतापो दशवदनसकोपः क्षालिताशेषपापः। कृतसुररिपुतापो नन्दितानेकभूपो विगततिमिरपङ्को रामचन्द्रः सहायः॥ कुवलयदलनीलः कामितार्थप्रदो मे कृतमुनिजनरक्ष रक्षसामे कहन्ता। अपहृतदुरितोऽसौ नाममात्रेण पुंसामखिल- सुरनृपेन्द्रो रामचन्द्रः सहायः॥ असुरकुलकृशानुर्मानसाम्भोजभानुः सुरनरनिकराणामग्रणीर्मे रघूणाम्। अगणितगुणसीमा नीलमेघौघधामा शमदमितमुनीन्द्रो रामचन्द्रः सहायः॥ कुशिकतनययागं रक्षिता लक्ष्मणाढ्यः…

Shri Ram Ashtakam

॥ Shri Ram Ashtakam ॥ Kritartadevavandanam Dineshavanshanandanam। Sushobhibhalachandanam Namami Ramamishvaram॥ Munindrayajnakarakam Shilavipattiharakam। Mahadhanurvidarakam Namami Ramamishvaram॥ Svatatavakyakarinam Tapovane Viharinam। Kare Suchapadharinam Namami Ramamishvaram॥ Kurangamuktasayakam Jatayumokshadayakam। Praviddhakishanayakam Namami Ramamishvaram॥ Plavangasangasammatim Nibaddhanimnagapatim। Dashasyavanshasankshatim Namami Ramamishvaram॥ Vidinadevaharshanam Kapipsitarthavarshanam। Svabandhushokakarshanam Namami Ramamishvaram॥ Gatarirajyarakshanam Prajajanartibhakshanam। Kritastamohalakshanam Namami Ramamishvaram॥ Hritakhilachalabharam Svadhamanitanagaram। Jagattamodivakaram Namami Ramamishvaram॥ Idam Samahitatmana Naro Raghuttamashtakam। Pathannirantaram Bhayam Bhavodbhavam Na…

Shri Ramachandra Ashtakam

॥ Shri Ramachandra Ashtakam ॥ Chidakaro Dhata Paramasukhadah Pavana- Tanurmunindrairyo- gindrairyatipatisurendrairhanumata। Sada Sevyah Purno Janakatanayangah Suraguru Ramanatho Ramo Ramatu Mama Chitte Tu Satatam॥ Mukundo Govindo Janakatanayalalitapadah Padam Prapta Yasyadhamakulabhava Chapi Shabari। Giratitoagamyo Vimaladhishanairvedavachasa Ramanatho Ramo Ramatu Mama Chitte Tu Satatam॥ Dharadhishoadhishah Suranaravaranam Raghupatih Kiriti Keyuri Kanakakapishah Shobhitavapuh। Samasinah Pithe Ravishatanibhe Shantamanaso Ramanatho Ramo Ramatu Mama…

Shri Ramaprema Ashtakam

॥ Shri Ramaprema Ashtakam ॥ Shyamambuda- bhamaravinda- vishalanetram Bandhukapushpa- sadrishadharapanipadam। Sitasahayamuditam Dhritachapabanam Ramam Namami Shirasa Ramaniyavesham॥ Patujaladhara- dhiradhvanamadaya Chapam Pavanadamanamekam Banamakrishya Tunat। Abhayavachanadayi Sanujah Sarvato Me Ranahatadanujendro Ramachandrah Sahayah॥ Dasharathakuladipo -ameyabahupratapo Dashavadanasakopah Kshalitasheshapapah। Kritasurariputapo Nanditanekabhupo Vigatatimirapanko Ramachandrah Sahayah॥ Kuvalayadalanilah Kamitarthaprado Me Kritamunijanaraksha Rakshasame Kahanta। Apahritaduritoasau Namamatrena Punsamakhila- suranripendro Ramachandrah Sahayah॥ Asurakula- krishanurmanasambhojabhanuh Suranaranikaranamagranirme Raghunam। Aganitagunasima…

श्री गोविन्दाष्टकम्

॥ श्री गोविन्दाष्टकम् ॥ सत्यं ज्ञानमनन्तं नित्यमनाकाशं परमाकाशं गोष्ठप्राङ्गणरिङ्गणलोलमनायासं परमायासम्। मायाकल्पितनानाकारमनाकारं भुवनाकारं क्ष्मामा नाथमनाथं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ मृत्स्नामत्सीहेति यशोदाताडनशैशवसंत्रासं व्यादितवक्त्रालोकितलोकालोक चतुर्दशलोकालिम्। लोकत्रयपुरमूलस्तम्भं लोकालोकमनालोकं लोकेशं परमेशं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ त्रैविष्टपरिपुवीरघ्नं क्षितिभारघ्नं भवरोगघ्नं कैवल्यं नवनीताहारमनाहारं भुवनाहारम्। वैमल्यस्फुटचेतोवृत्ति विशेषाभासमनाभासं शैवं केवलशान्तं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ गोपालं भुलीलाविग्रहगोपालं कुलगोपालं गोपीखेलनगोवर्धन धृतिलीलालालितगोपालम्। गोभिर्निगदितगोविन्द स्फुटनामानं बहुनामानं गोपीगोचरदूरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ गोपीमण्डलगोष्ठीभेदं भेदावस्थमभेदाभं…

Shri Govind Ashtakam

॥ Shri Govindashtakam ॥ Satyam Jnanamanantam Nityamanakasham Paramakasham Goshtha-pranganaringana- lolamanayasam Paramayasam। Mayakalpita-nanakaramanakaram Bhuvanakaram Kshmama Nathamanatham Pranamata Govindam Paramanandam॥ Mritsnamatsiheti Yashodatadanashaishavasantrasam Vyaditavaktralokita- lokalokachaturdashlokalim। Lokatrayapuramulastambham Lokalokamanalokam Lokesham Paramesham Pranamata Govindam Paramanandam॥ Traivishtaparipuviraghnam Kshitibharaghnam Bhavarogaghnam Kaivalyam Navanitaharamanaharam Bhuvanaharam। Vaimalyasphutacheto- vrittivisheshabhasamanabhasam Shaivam Kevalashantam Pranamata Govindam Paramanandam॥ Gopalam Bhulilavigrahagopalam Kulagopalam Gopikhelana-govardhanadhriti- lilalalitagopalam। Gobhirnigadita-govindasphutanamanam Bahunamanam Gopigocharaduram Pranamata Govindam Paramanandam॥ Gopimandalagoshthibhedam Bhedavasthamabhedabham…

श्री नन्दकुमार अष्टकम्

Nandkumar

॥ श्री नन्दकुमाराष्टकम् ॥ सुन्दरगोपालम् उरवनमालंनयनविशालं दुःखहरं। वृन्दावनचन्द्रमानन्दकन्दंपरमानन्दं धरणिधर वल्लभघनश्यामं पूर्णकामंअत्यभिरामं प्रीतिकरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥ सुन्दरवारिजवदनं निर्जितमदनंआनन्दसदनं मुकुटधरं। गुञ्जाकृतिहारं विपिनविहारंपरमोदारं चीरहर वल्लभपटपीतं कृतउपवीतंकरनवनीतं विबुधवरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥ शोभितमुखधूलं यमुनाकूलंनिपटअतूलं सुखदतरं। मुखमण्डितरेणुं चारितधेनुंवादितवेणुं मधुरसुर वल्लभमतिविमलं शुभपदकमलंनखरुचिअमलं तिमिरहरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥ शिरमुकुटसुदेशं कुञ्चितकेशंनटवरवेशं कामवरं। मायाकृतमनुजं हलधरअनुजंप्रतिहतदनुजं भारहर वल्लभव्रजपालं सुभगसुचालंहितमनुकालं भाववरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥…

Shri Nandakumarashtakam

॥ Shri Nandakumarashtakam ॥ Sundaragopalam Uravanamalam Nayanavishalam Duhkhaharam। Vrindavana-chandramanandakandam Paramanandam Dharanidhara Vallabhaghanashyamam Purnakamam Atyabhiramam Pritikaram। Bhaja Nandakumaram Sarvasukhasaram Tattvavicharam Brahmaparam॥ Sundaravarijavadanam Nirjitamadanam Anandasadanam Mukutadharam। Gunjakritiharam Vipinaviharam Paramodaram Chirahara Vallabhapatapitam Kritaupavitam Karanavanitam Vibudhavaram। Bhaja Nandakumaram Sarvasukhasaram Tattvavicharam Brahmaparam॥ Shobhitamukhadhulam Yamunakulam Nipata-atulam Sukhadataram। Mukhamanditarenunm Charitadhenum Vaditavenunm Madhurasura Vallabhamativimalam Shubhapadakamalam Nakharuchiamalam Timiraharam। Bhaja Nandakumaram Sarvasukhasaram Tattvavicharam Brahmaparam॥ Shiramukutasudesham…

श्री गणेशाष्टकम्

॥ श्री गणेशाष्टकम् ॥ यतोऽनन्तशक्तेरनन्ताश्च जीवायतो निर्गुणादप्रमेया गुणास्ते। यतो भाति सर्वं त्रिधा भेदभिन्नं सदा तं गणेशं नमामो भजामः॥ यतश्चाविरासीज्जगत्सर्वमेतत्तथाऽब्जासनो विश्वगो विश्वगोप्ता। तथेन्द्रादयो देवसङ्घा मनुष्याः सदा तं गणेशं नमामो भजामः॥ यतो वह्निभानू भवो भूर्जलं च यतः सागराश्चन्द्रमा व्योम वायुः। यतः स्थावरा जङ्गमा वृक्षसङ्घा सदा तं गणेशं नमामो भजामः॥ यतो दानवाः किन्नरा यक्षसङ्घा यतश्चारणा वारणाः श्वापदाश्च। यतः…